मध्यप्रदेश के 70वें स्थापना दिवस पर मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा कि विकसित मध्यप्रदेश 2047 हर नागरिक का संकल्प है। उन्होंने लाल परेड ग्राउंड में ‘अभ्युदय मध्यप्रदेश’ प्रदर्शनी का शुभारंभ किया, जिसमें प्रदेश की संस्कृति और विकास की झलक दिखाई गई।

भोपाल। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा कि मध्यप्रदेश प्राचीन काल से ही समृद्ध रहा है। यहां की संस्कृति, शिल्पकला, ऐतिहासिक चरित्र और विरासत गर्व का विषय हैं। उन्होंने कहा कि प्रदेश के गठन से लेकर अब तक की यात्रा गौरवपूर्ण रही है और आज मध्यप्रदेश विकास, सुशासन और संस्कृति तीनों क्षेत्रों में अग्रणी बन चुका है।

विकसित मध्यप्रदेश 2047 हर नागरिक का संकल्प- डॉ. यादव

मुख्यमंत्री ने कहा कि पिछले दो दशकों में प्रदेश में विकास और जनकल्याण की गतिविधियों ने राज्य को प्रगति के नए सोपान पर पहुंचाया है। उन्होंने कहा-

आने वाला समय प्रदेशवासियों के सामूहिक परिश्रम, नवाचार और संकल्प का होगा

डॉ. यादव ने स्पष्ट किया कि ‘विकसित मध्यप्रदेश 2047’ का लक्ष्य केवल शासन का कार्यक्रम नहीं, बल्कि हर नागरिक का सामूहिक संकल्प है। उन्होंने कहा-

इस ध्येय में हर गांव, हर शहर और हर व्यक्ति की सक्रिय भागीदारी होगी

लाल परेड ग्राउंड पर प्रदर्शनी ‘अभ्युदय मध्यप्रदेश’ का शुभारंभ

मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने मध्यप्रदेश के 70वें स्थापना दिवस पर ‘अभ्युदय मध्यप्रदेश’ नामक प्रदर्शनी का शुभारंभ लाल परेड ग्राउंड में किया। यह प्रदर्शनी प्रदेश के वैभवशाली अतीत, समृद्ध सांस्कृतिक विरासत और उज्जवल भविष्य को चित्रों व छायाचित्रों के माध्यम से प्रदर्शित करती है। मुख्यमंत्री ने प्रदर्शनी का अवलोकन किया और मीडिया से चर्चा में कहा कि इस आयोजन के माध्यम से प्रदेश की गौरवशाली यात्रा को आम जनता तक पहुंचाया जा रहा है।

पारंपरिक नृत्य से हुआ मुख्यमंत्री का स्वागत

लाल परेड ग्राउंड पहुंचने पर मुख्यमंत्री डॉ. यादव का स्वागत पारंपरिक नृत्य से किया गया। युवक-युवतियों ने लोकनृत्य प्रस्तुत कर प्रदेश की सांस्कृतिक विविधता का प्रदर्शन किया। मुख्यमंत्री ने कलाकारों से संवाद किया और उनका उत्साहवर्धन किया। प्रदेश के विभिन्न अंचलों से आए कलाकारों ने अपनी-अपनी परंपराओं के अनुसार मुख्यमंत्री का अभिवादन किया।

प्रदर्शनी में दिखा मध्यप्रदेश का गौरव और विरासत

‘अभ्युदय मध्यप्रदेश’ प्रदर्शनी में राज्य के गौरवशाली इतिहास और विकास को दर्शाया गया है। इसमें प्रमुख रूप से निम्न विषय शामिल हैं

  • विकसित मध्यप्रदेश 2047
  • मध्यप्रदेश का गौरव
  • विक्रमादित्य और अयोध्या
  • विक्रमादित्य की मुद्राएं और सिक्के
  • आर्ष भारत
  • मध्यप्रदेश की बावड़ियां
  • पारंपरिक कला और विरासत से विकास
  • प्रदेश के मंदिर और देवलोक

मुख्यमंत्री ने कहा कि ये प्रदर्शनियां आने वाली पीढ़ियों को प्रदेश की संस्कृति, इतिहास और नवभारत निर्माण की भावना से जोड़ेंगी।