Cyber security in Madhya Pradesh: मध्यप्रदेश में कलेक्टर्स-कमिश्नर्स कॉन्फ्रेंस 2025 में मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कानून-व्यवस्था, नक्सल विरोधी रणनीति और ड्रग्स रोकथाम के अहम कदमों का ऐलान किया। क्या अगले 6 महीने में राज्य सचमुच नक्सल मुक्त होगा?

Collectors Commissioners Conference 2025: भोपाल में हाल ही में कलेक्टर्स-कमिश्नर्स कॉन्फ्रेंस 2025 का आठवां और अंतिम सत्र आयोजित हुआ। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कलेक्टर्स और एसपी से कहा कि जिले की कानून व्यवस्था बनाए रखना उनकी सबसे बड़ी जिम्मेदारी है। चाहे कोई घटना हो या दुर्घटना, अधिकारी तुरंत मौके पर पहुँचें। मुख्यमंत्री ने जोर दिया कि जनता की सुरक्षा, सुशासन और सेवा भाव ही प्रशासन की पहली प्राथमिकता हो।

क्या कलेक्टर्स और पुलिस एसपी का नया सूचना तंत्र अपराध रोकने में सक्षम होगा?

मुख्यमंत्री डा. मोहन यादव ने अधिकारियों से कहा कि पड़ोसी राज्यों के साथ तालमेल करके ड्रग्स और नशे के अवैध कारोबार को रोकना बहुत जरूरी है। क्या कलेक्टर्स और पुलिस एसपी का नया सूचना तंत्र अपराध रोकने में सक्षम होगा? इस पर भी उन्होंने ध्यान आकर्षित किया। अधिकारियों को अपने जिलों में संवेदनशील जगहों की पहचान कर जोनल प्लान बनाने के निर्देश दिए गए ताकि जरूरत पड़ने पर फोर्स मूवमेंट सुचारु रूप से हो सके।

मध्यप्रदेश को नक्सल मुक्त बनाने की क्या योजना है?

मुख्यमंत्री ने कहा कि अगले 6 महीनों में बालाघाट, मण्डला और डिण्डोरी जिलों में नक्सल गतिविधियों पर पूरी तरह अंकुश लगाया जाएगा। नक्सली या तो सरेंडर करें या उन्हें खत्म कर दिया जाएगा। बालाघाट जिले में पहले ही नक्सल गतिविधियों में कमी आई है और वहां के कलेक्टर एवं एसपी की कोशिशों से 200 से ज्यादा युवाओं को रोजगार मिला। इससे युवाओं को नक्सल की राह से बचाया गया और समाज की मुख्यधारा में जोड़ा गया।

क्या अवैध घुसपैठ और ड्रग्स पर लगाम लगेगी?

मुख्यमंत्री ने अवैध बांग्लादेशियों और ड्रग्स की तस्करी पर कड़ी कार्रवाई की बात कही। अब तक 19 अवैध घुसपैठियों को चिन्हित कर बाहर भेजा गया है। इसके अलावा स्कूल और कॉलेजों के आसपास असामाजिक तत्वों पर निगरानी बढ़ाने, सीसीटीवी कैमरे लगाने और पुलिस-प्रशासन के सहयोग से अपराध रोकने के निर्देश दिए गए।

साइबर सुरक्षा और महिला सुरक्षा पर क्या कदम उठाए जा रहे हैं?

साइबर अपराध रोकने के लिए सरकार ने 1930 कॉल सेंटर, 57 साइबर थाने और 27 साइबर फॉरेंसिक काउंसलटेंट तैयार किए हैं। इसके अलावा महिला अपराधों के संबंध में काउंसलिंग और सामाजिक संगठनों को जोड़ने पर जोर दिया गया।

क्या पुराने लंबित अपराधों पर नियंत्रण रखा जाएगा?

मुख्यमंत्री ने कहा कि पांच साल से अधिक समय से लंबित अपराधों की नियमित समीक्षा की जाए। दोषमुक्त प्रकरणों की समीक्षा के लिए जिला स्तर पर समितियां गठित की जाएंगी। इससे यह सुनिश्चित होगा कि अभियोजन और विवेचना में कोई कमी न रहे।

क्या प्रशासन का नया मॉडल जनता का भरोसा जीत पाएगा?

मुख्यमंत्री ने भरोसा जताया कि मैदानी अधिकारियों की मेहनत और प्रतिबद्धता से सरकार के लक्ष्य पूरे होंगे। उन्होंने कहा कि कलेक्टर और एसपी की कार्यशैली ही शासन की छवि तय करेगी। मुख्य सचिव अनुराग जैन ने कहा कि सभी कलेक्टर्स-एसपी GIS मैपिंग के माध्यम से स्पॉट कार्ययोजना बनाएं ताकि किसी भी अप्रिय स्थिति से निपटा जा सके। डीजीपी कैलाश मकवाना ने बताया कि सिंहस्थ 2028 की तैयारियाँ और साइबर सुरक्षा योजनाएं प्रगति पर हैं।

क्या मध्यप्रदेश मार्च 2026 तक नक्सल मुक्त बन पाएगा? 

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने नक्सल प्रभावित जिलों में विशेष रणनीति अपनाने और 6 महीने में नक्सल गतिविधियों को समाप्त करने का लक्ष्य रखा।

कलेक्टर्स-एसपी का नया सूचना तंत्र अपराधों को कैसे रोक पाएगा? 

हर जिले में अधिकारी अब GIS मैपिंग और सूचना तंत्र के जरिए संवेदनशील क्षेत्रों की निगरानी करेंगे।

ड्रग्स और नशे पर रोकथाम में पड़ोसी राज्यों के साथ क्या तालमेल होगा? 

कोरेक्स कफ सिरप जैसे दवाओं के दुरुपयोग को रोकने के लिए इंडस्ट्रियल बेल्ट में विशेष निगरानी रखी जाएगी।

स्कूल-कॉलेज के आसपास सुरक्षा कैसे मजबूत होगी? 

पुलिस और अन्य विभागों के सहयोग से अपराधियों पर नजर, सीसीटीवी और काउंसलिंग लागू की जाएगी।

साइबर सुरक्षा और रोड एक्सीडेंट्स पर क्या नई रणनीतियां हैं?

SCFL लैब और साइबर वारियर योजना के तहत युवाओं को प्रशिक्षण और 1930 कॉल सेंटर, 57 साइबर थाने, 927 हेल्प डेस्क कार्यरत।

अवैध घुसपैठियों पर प्रशासन की कार्रवाई कितनी कड़ी होगी? 

अब तक 19 बांग्लादेशियों को चिन्हित कर वापस भेजा गया; कार्रवाई लगातार जारी रहेगी।

प्रशासनिक अधिकारियों की मेहनत से जनता को क्या लाभ मिलेगा? 

कानून-व्यवस्था मजबूत होने से न केवल सुरक्षा बल्कि विकास कार्य तेज होंगे और जनता का जीवन स्तर सुधरेगा।