सार
एमपी की राजनीति में 1975 में आई फिल्म शोले के जय वीरू और गब्बर की एंट्री हो गई है। यहां तक की नेता बसंती और गब्बर का नाम लेकर भी एक दूसरे पर निशाना साध रहे हैं।
भोपाल. कहते हैं राजनीति में सब कुछ संभव है। नेता कुर्सी के चक्कर में वह सब कर गुजरता है। जो एक साधारण व्यक्ति भी करने से पहले 10 बार सोचता है। ऐसा ही कुछ मध्यप्रदेश की राजनीति में भी चल रहा है। 2023 के विधानसभा चुनाव में फिल्म शोले के गब्बर और जय वीरू को लेकर भाजपा और कांग्रेस के दिग्गज नेता एक दूसरे पर चुनावी बाण छोड़ रहे हैं।
मध्यप्रदेश में 17 नवंबर को विधानसभा चुनाव होने जा रहे हैं। जिसका रिजल्ट 3 दिसंबर को घोषित हो जाएगा। चुनाव से पहले भाजपा और कांग्रेस के दिग्गज नेता एक दूसरे को शोले के किरदारों का नाम लेकर चोर और डाकू बता रहे हैं। जबकि फिल्म के जिन पात्रों का नाम लेकर एक दूसरे को निशाना बनाया जा रहा है वे पात्र अपराध की दुनिया से जुड़े होकर चोर और डाकू थे।
जानिये कौन है राजनीति के जय वीरू
भाजपा द्वारा पूर्व सीएम कमलनाथ और दिग्विजय सिंह को जय वीरू की जोड़ी बताया जा रहा है। इस मामले में सीएम शिवराज ने सभा के दौरान कहा कि जय और वीरू आपस में झगड़ रहे हैं और ये लूट के माल के लिए लड़ रहे हैं। पहले 2003 तक दिग्विजय सिंह ने मध्यप्रदेश को लूटा, तबाह और बर्बाद कर दिया फिर सवा साल में कमलनाथ ने भी प्रदेश को लूट का अड्डा बना दिया। अब इन दोनों के बीच इसी बात को लेकर लड़ाई हो रही है कि ओ कौन लूटे और कैसे लूटे।
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कमलनाथ ने कहा जय वीरू ने किया था गब्बर का अंत
सीएम शिवराज सिंह चौहान के निशाने पर कटाक्ष करते हुए कमलनाथ ने कहा कि शिवराजजी जय और वीरू ने ही अत्याचारी गब्बर सिंह का हिसाब किया था। एमपी 18 साल से अत्याचार से परेशान है और अब अत्याचार के अंत का समय भी आ गया है। बाकी आप समझदार है।
इस प्रकार एक तरफ भाजपा द्वारा दिग्विजय सिंह और कमलनाथ को जय वीरू बताकर चोर साबित किया जा रहा है। वहीं दूसरी तरफ कमलनाथ द्वारा शिवराज सिंह चौहान को गब्बर सिंह यानी डाकू कहा जा रहा है।
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