सार
मध्य प्रदेश की शिवराज सरकार में कैबिनेट मंत्री यशोधरा राजे सिंधिया ने एक ऐलान करके सबको चौंका दिया है। वह इस बार का विधानसभा चुनाव नहीं लड़ेंगी। जानिए क्या बताई इसके पीछे की वजह…
शिवपुरी. मध्य प्रदेश विधानसभा में चुनाव में ज्यादा वक्त नहीं बचा है। दो से तीन दिन में अंचार सहिंता लग सकती है। इसी बीच शिवराज सरकार में कैबिनेट मंत्री यशोधरा राजे सिंधिया ने एक ऐलान करके सबको चौंका दिया है। वह अपने गृह जिले शिवपुरी के दौरे के दौरान जनता से बात करते हुए इमोशनल हो गईं। साथ लोगों से बात करते हुए उन्होंने साफ कह दिया कि वह इस बार का विधानसभा चुनाव नहीं लड़ेंगी। बताया जा रहा है कि उन्होंने इसके पीछे की वजह अपने सेहत बताई है।
जानिए यशोधरा राजे ने क्या कहा…
दरअसल, मंत्री यशोधरा राजे सिंधिया हाल ही में अपनी मां विजय राजे सिंधिया के प्रतिमा का अनावरण करने शिवपुरी पहुंची थी।इस दौरान उन्होंने भावुक होते हुए बोलीं-मैंने चुनाव नहीं लड़ने का फैसला तो बहुत पहले ही ले कर लिया था, लेकिन आज जिस तरह से मेरे सामने मंदिर में मंत्रोचार हुआ, मेरा मन भावुक हो गया, "मैं अब इस चुनाव (शिवपुरी संसदीय क्षेत्र से चुनाव) को नहीं लडूंगी...ये एक तरह से मेरा "गुड बाय" है। मां के पदचिन्हों में चलने की कोशिश की और 25-30 साल उनके बताई बातों पर चली भी।
यशोधरा के ऐलान के सियासी माएने
यशोधरा राजे सिंधिया बीजेपी की ग्वालियर इलाके में कद्दावर नेता मानी जाती हैं। लेकिन इस बार उन्होंने चुनाव नहीं लड़ने का ऐलान करके सबको हैरान कर दिया है। लेकिन उनके इस फैसले के पीछे बड़ा सियासी मामला छिपा है। सियासत के गलियारों में चर्चा होने लगी है कि यशोधरा राजे कि सीट शिवपुरी से केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया चुनाव लड़ सकते हैं। इसलिए बुआ ने अपने भतीजे के लिए यह सीट छोड़ी है। क्योंकि जिस तरह से एमपी में कई केंद्रीय मंत्री और सांसद चुनावी मैदान मैं हैं तो सिंधिया का नाम भी अगली लिस्ट में आ सकता है।
कहीं यशोधरा राजे की यह रणनीति तो नहीं...
बताया तो यहां तक जा रहा है कि भले ही यशोधरा विधानसभा चुनाव नहीं लड़ने का फैसला कर चुकी हैं। लेकिन यशोधरा राजे सिंधिया गुना संसदीय सीट से आम चुनाव 2024 में किस्मत आजमां सकती हैं। क्योंकि इस सीट से उनके भतीजे और वर्तमान में केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया चुनाव हार चुके हैं। गुना सीट सिंधिया परिवार की पारंपरिक सीट है। लेकिन पिछली बार यहां से कांग्रेस के केपी यादव चुनाव जीते हैं।