MP Weather Alert: मध्य प्रदेश में फिर बारिश की मार! नीमच, मंदसौर समेत 6 जिलों में अति भारी बारिश का रेड अलर्ट। भोपाल, नर्मदापुरम और अशोकनगर में स्कूलों की छुट्टी। जानिए कौन-कौन से जिले हैं सबसे ज्यादा खतरे में!
MP Heavy Rainfall Alert Today: मध्य प्रदेश इस समय भीषण बारिश की चपेट में है। एक रहस्यमयी लो प्रेशर एरिया और दो ट्रफ लाइन सिस्टम ने राज्य के मौसम को अजीब तरह से बदल दिया है। भारतीय मौसम विभाग ने 12 जिलों में भारी और 6 जिलों में अति भारी बारिश का अलर्ट जारी किया है।
इन 6 जिलों में अगले 24 घंटे में भारी बारिश का अलर्ट
नीमच, मंदसौर, श्योपुर, गुना, आगर-मालवा और राजगढ़-इन छह जिलों में अगले 24 घंटे के भीतर 8 इंच से अधिक बारिश की संभावना जताई गई है। वहीं भोपाल, विदिशा, सीहोर, शाजापुर, उज्जैन, रतलाम, मुरैना, शिवपुरी, अशोकनगर, डिंडौरी, मंडला और बालाघाट में भारी बारिश का खतरा मंडरा रहा है।
बारिश की वजह से बंद हुए स्कूल, पठन-पाठन ठप
मौसम की गंभीरता को देखते हुए प्रशासन ने भोपाल, नर्मदापुरम, सीहोर और अशोकनगर में स्कूल बंद रखने का फैसला लिया है। भारी बारिश के कारण जलभराव, ट्रैफिक जाम और दुर्घटनाओं की आशंका बढ़ गई है, जिससे छात्रों की सुरक्षा को प्राथमिकता दी गई।
मौसम विभाग ने बताया खतरे की घंटी?
आंकड़े कर देंगे हैरान मंगलवार को रायसेन जिले में 9 घंटे में 4.5 इंच बारिश दर्ज की गई। भोपाल में 1.9 इंच, शाजापुर में 1.7 इंच, नरसिंहपुर और सागर में 1.2 इंच तथा कई अन्य जिलों में भी 1 इंच तक पानी गिरा। यह स्थिति साफ दर्शाती है कि प्रदेश पर बादलों का कहर अभी थमा नहीं है।
वैज्ञानिकों की चेतावनी: सिस्टम अभी भी एक्टिव!
मौसम विभाग की वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ. दिव्या ई. सुरेंद्रन ने बताया कि यह मौसम प्रणाली बुधवार को भी पूरी तरह एक्टिव रहेगी। एक लो प्रेशर एरिया और दो ट्रफ लाइनें मध्य प्रदेश के केंद्र से होकर गुजर रही हैं, जो इस भीषण वर्षा का कारण हैं।
कई जिलों में बारिश का कोटा पार, कहीं आधी भी नहीं
ग्वालियर, शिवपुरी, अशोकनगर, मुरैना, श्योपुर, छतरपुर, टीकमगढ़ और निवाड़ी जैसे जिलों ने बारिश का सामान्य कोटा पार कर लिया है। यहां 37% तक अधिक बारिश दर्ज की गई है। टीकमगढ़ और निवाड़ी में सबसे अधिक 42 इंच वर्षा हो चुकी है। उधर, इंदौर और उज्जैन जैसे शहर अभी भी औसत से पीछे हैं। भोपाल और जबलपुर में तो अब तक सीजन की सिर्फ आधी बारिश ही दर्ज की गई है।
क्या अगला हफ्ता और भी खतरनाक होगा?
अगर सिस्टम सक्रिय रहा, तो आने वाले दिनों में और ज्यादा जिले इसकी चपेट में आ सकते हैं। ऐसे में सतर्कता, प्रशासनिक तैयारी और आम नागरिकों की जागरूकता बेहद जरूरी है।
