सार

नीमच जिले में एक 15 वर्षीय लड़की ने अपनी मौसी द्वारा मोबाइल फोन पर गेम खेलने से मना करने पर आत्महत्या कर ली। यह घटना ऑनलाइन गेमिंग के खतरों और बच्चों पर इसके प्रभाव के बारे में गंभीर प्रश्न उठाती है।

MP news: आज कल ऑनलाइन गेम का चलन काफी हो गया। खासकर कम उम्र के बच्चे इसके काफी दीवाने हैं। इस वजह से ऐसे कई मामले भी देखने को मिले हैं, जिनमें नाबालिग बच्चे ऑनलाइन गेम न खेल पाने की स्थिति में जानलेवा कदम उठा लेते हैं। ऐसा ही एक मामला मध्य प्रदेश के नीमच जिले में देखने को मिला, जब बीते बुधवार को महज 15 साल की लड़की ने मौसी द्वारा गेम खेलने के लिए मोबाइल न दिए जाने पर फांसी लगा ली। घटना की जानकारी मिलने पर स्थानीय पुलिस मौके पर पहुंची। उन्होंने शव को कब्जे में लिया और पोस्टमार्टम के लिए अस्पताल भेज दिया। इसके बाद आगे की कार्रवाई में जुट गई।

बता दें कि नीमच के बाघना थाना क्षेत्र की घटना में प्राइवेट स्कूल के सर्वेंट क्वार्टर में मृतका अपनी मौसी के साथ रहती थी। उसे ऑनलाइन गेम खेलने की लत गई थी। इसी क्रम में उसने बीते बुधवार को अपनी मौसी से गेम खेलने के लिए मोबाइल मांगा। लेकिन उसकी मौसी ने मना कर दिया। इसके बाद वो गुस्सा होकर अपने कमरे में चली गई। दूसरे दिन जब मौसी ने देखा कि उसकी भतीजी अभी तक सो कर नहीं उठी है तो वो घबरा गई। उसने जैसे ही लड़की के कमरे का दरवाजा खोलकर देखा तो उसके होश उड़ गए। क्योंकि भतीजी पंखे से लटकी हुई थी। महिला ने तुरंत स्कूल के स्टाफ को घटना के बारे में जानकारी दी।

ऑनलाइन गेम पर आधारित रिपोर्ट चौंकाने वाली

बता दें कि इस तरह की घटनाएं काफी चिंता पैदा करने वाली है। आज से 2 साल पहले Norton LifeLock Inc भारत की India Digital Wellness Report जारी की थी, जिसमें कई चौंकाने वाले खुलासे हुए थे। जिसके मुताबिक, 87 फीसदी लोगों का मानना था कि ऑनलाइन गेम खेलने की वजह से उन पर शारीरिक और मानसिक असर पड़ा है। इसके अलावा 76 फीसदी ने माना की वो डिप्रेशन के शिकार हो गए हैं। सबसे ज्यादा हैरानी की बात रिपोर्ट में ये सामने आई कि लगभग 88 फीसदी लड़कियों के लिए ऑनलाइन गेम समय बिताने का सबसे अच्छा साधन था।

ये भी पढ़ें: MP में पूरे परिवार का एक साथ खौफनाक अंत: अब कोई वंश बढ़ाने वाले भी नहीं बचा