भोपाल में आयोजित “राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020: क्रियान्वयन, चुनौतियां एवं संभावनाएं” कार्यशाला में राज्यपाल, मुख्यमंत्री और केंद्रीय शिक्षा मंत्री की मौजूदगी में मध्यप्रदेश के शिक्षा सुधारों की दिशा में बड़े कदमों पर चर्चा हुई।
भोपाल में गुरुवार को शिक्षा सुधारों की एक नई पटकथा लिखी गई। मंच था कुशाभाऊ ठाकरे कन्वेंशन सेंटर का और विषय था भारत की शिक्षा व्यवस्था का भविष्य। “राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 : क्रियान्वयन, चुनौतियां एवं संभावनाएं” पर आयोजित एक दिवसीय राज्य स्तरीय कार्यशाला का शुभारंभ राज्यपाल मंगुभाई पटेल, मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव और केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान की उपस्थिति में हुआ। कार्यक्रम में राज्य की शिक्षा प्रणाली को भविष्य के लिए तैयार करने पर जोर दिया गया।
MP ने सबसे पहले लागू की NEP 2020: मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 को देश में सबसे पहले लागू करने का गौरव मध्यप्रदेश को प्राप्त है। उन्होंने बताया कि प्रदेश में 55 पीएम एक्सीलेंस कॉलेज और सांदीपनि विद्यालयों के माध्यम से मूल्य आधारित व तकनीकी शिक्षा का विस्तार किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि प्रदेश के इंदौर और रतलाम स्थित सांदीपनि विद्यालयों का चयन राष्ट्रीय स्तर पर सर्वश्रेष्ठ विद्यालयों में हुआ है, जो पूरे राज्य के लिए गर्व की बात है।
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वैज्ञानिक, मनोवैज्ञानिक और आध्यात्मिक शिक्षा का केंद्र है मध्यप्रदेश: केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान
कार्यक्रम में केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने कहा कि मध्यप्रदेश सदियों से वैज्ञानिक, मनोवैज्ञानिक और आध्यात्मिक शिक्षा का केंद्र रहा है। उन्होंने कहा कि उज्जैन वैदिक काल से ही समय गणना का प्रमुख केंद्र रहा है। अब समय है कि भारत की प्राचीन शिक्षा प्रणाली को आधुनिक आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस से जोड़कर विश्व के सामने पेश किया जाए, ताकि दुनिया हमारी समृद्ध संस्कृति और ज्ञान विज्ञान को पहचान सके।
शिक्षा के व्यापक रूपांतरण की दिशा में बड़ा कदम
कार्यशाला में पांच विशेष सत्र आयोजित किए गए, जिनमें इन विषयों पर विस्तार से चर्चा हुई:
- कौशल आधारित शिक्षा
- एआई आधारित शिक्षण प्रणाली
- विदेशी विश्वविद्यालयों की संभावनाएं
- स्कूल शिक्षा सुधार और डिजिटल लर्निंग
- उद्योग–अकादमिक सहयोग
विशेषज्ञों ने माना कि यह कार्यशाला शिक्षा के व्यापक रूपांतरण की दिशा में एक मजबूत कड़ी साबित होगी।
मध्यप्रदेश अब न सिर्फ नई शिक्षा नीति को लागू करने में देश का अग्रणी है बल्कि शिक्षा के भविष्य को नई दिशा देने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है।
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