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चने बेचने वाले का बेटा कैसे बना चमत्कारी संत? ‘सीहोर वाले बाबा’ का वो सच, जो कभी किसी ने नहीं बताया
Kubereshwar Dham: कौन हैं पंडित प्रदीप मिश्रा? कुबरेश्वर धाम के 'सीहोर वाले बाबा' कैसे बने शिव कथा वाचक, जिनकी एक झलक के लिए लाखों की भीड़ उमड़ती है। लाखों की भीड़, विवाद और आस्था के बीच छुपी है एक साधारण लड़के की असाधारण कहानी। आइए जानें असली सच?

कौन है वो कथावाचक, जिसकी एक झलक के लिए उमड़ती है लाखों की भीड़?
Pandit Pradeep Mishra biography: पंडित प्रदीप मिश्रा सिर्फ कथावाचक नहीं, एक ऐसी रहस्यमयी उपस्थिति हैं जिनकी शिव कथा सुनने लाखों लोग आते हैं। ‘सीहोर वाले बाबा’ के नाम से प्रसिद्ध, उनके एक दर्शन के लिए भक्त घंटों धूप में खड़े रहते हैं। यह आकर्षण सिर्फ भक्ति नहीं, बल्कि एक आध्यात्मिक शक्ति का अनुभव है, जो लोगों को भीतर तक छू जाता है।
कहां से आया वो बालक, जो बन गया शिवगाथा का सम्राट?
सीहोर का एक साधारण ब्राह्मण बालक, जिसका बचपन तंगी और संघर्ष में बीता, कैसे करोड़ों दिलों का कथावाचक बना? पिता चने बेचते थे, बेटा कथा से जीवन बदलने लगा। यही वो रहस्य है जिसने उसे साधारण से असाधारण बनाया।
कैसे शिक्षक बना भक्तों का आध्यात्मिक मार्गदर्शक?
एक समय स्कूल में पढ़ाने वाले प्रदीप मिश्रा ने स्थिर जीवन छोड़कर कथा वाचन का कठिन रास्ता क्यों चुना? यह निर्णय उनकी आत्मा की पुकार थी। उन्होंने शिव की शरण ली और जीवन का उद्देश्य बदल गया।
शिव मंदिर से शुरू हुआ वो सफर, जिसने बदल दी तकदीर?
इंदौर में दीक्षा के बाद उन्होंने सबसे पहले शिव मंदिर की सफाई की और वहीं से कथा शुरू की। यह सिर्फ शुरुआत थी-अब उनकी कथा पूरे भारत में गूंज रही है।
कुबरेश्वर धाम क्यों बन गया करोड़ों का तीर्थ?
सीहोर का कुबरेश्वर धाम अब सिर्फ कथा स्थल नहीं, एक तीर्थ बन चुका है। यहां सावन और विशेष अवसरों पर लाखों की भीड़ जुटती है, जिनके लिए यह धाम मोक्ष का माध्यम बन गया है।
श्रद्धा में अंध आस्था या सच्ची भक्ति? महिलाएं क्यों होती हैं इतनी प्रभावित?
प्रदीप मिश्रा के प्रवचनों में सबसे बड़ी उपस्थिति महिलाओं की होती है। वे उनकी बातों में अपने जीवन की समस्याओं का समाधान पाती हैं। कथा के दौरान कई महिलाएं खाना-पीना तक भूल जाती हैं, सिर्फ उनकी वाणी सुनने के लिए घंटों खड़ी रहती हैं। उनकी कथा सुनने महिलाएं मीलों पैदल चलकर आती हैं। 'रघुराम' सुनते ही वे भोजन-नींद भूल जाती हैं।
सोशल मीडिया पर क्यों बनते हैं इनके वीडियो वायरल?
पंडित प्रदीप मिश्रा की लोकप्रियता सिर्फ पंडाल तक सीमित नहीं है। Instagram, YouTube और Facebook पर उनके वीडियो करोड़ों बार देखे जाते हैं। सुबह-सुबह लोग उनकी वाणी से दिन की शुरुआत करते हैं-“रघुराम रघुराम…”
कथा के बीच विवाद क्यों बन जाते हैं चर्चा का विषय?
कुछ बयानों को लेकर वो विवादों में भी आए, खासकर राधा रानी पर दिए गए एक कथन को लेकर। संत समाज में नाराजगी भी हुई, लेकिन उन्होंने सार्वजनिक रूप से माफी मांग ली और तब से काफी संयम बरतते हैं। फिर भी लोगों का विश्वास बना हुआ है।
कुबरेश्वर की भगदड़- श्रद्धा या अव्यवस्था का परिणाम?
2023, 2024 और अब 2025 की भगदड़ों में कई जानें गईं, कई घायल हुए। फिर भी भक्तों की भीड़ कम नहीं हुई। प्रदीप मिश्रा की कथा सिर्फ धार्मिक नहीं, समाधान देने वाली होती है। शादी, धन, संतान या मानसिक दुख-हर बात का जवाब भोलेनाथ की भक्ति में छिपा है।
क्या शिव कथा बन सकती है जीवन की समस्याओं का समाधान?
वो सिर्फ कथा नहीं सुनाते, जीने की कला सिखाते हैं। उनके प्रवचन में एक संदेश होता है-कैसे दुखों से लड़ा जाए, कैसे ईश्वर को पाया जाए, कैसे भक्ति के रास्ते पर चलते हुए जीवन को बेहतर बनाया जाए। यही बात उन्हें बाकी कथा वाचकों से अलग बनाती है।