Pitru Paksha Special Train 2025: भोपाल से गया तक श्रद्धालुओं के लिए सीधी ट्रेन! क्या आप तैयार हैं इस पवित्र यात्रा के लिए? 22 कोच, AC/Sleeper/जनरल, 7–21 सितंबर, पिंडदान और श्राद्ध के रहस्यमयी अनुभव के लिए IRCTC बुकिंग अभी करें।
Pitru Paksha Special Train 2025 Timing: पितृपक्ष 2025 (7 से 21 सितंबर) का अवसर हिंदू धर्म में विशेष महत्व रखता है, जब श्रद्धालु अपने पूर्वजों को श्राद्ध और पिंडदान के माध्यम से मोक्ष की कामना करते हैं। इस बार पश्चिम मध्य रेलवे ने भोपाल (रानी कमलापति) से गया तक सीधी स्पेशल ट्रेन सेवा की घोषणा की है, ताकि श्रद्धालु बिना किसी परेशानी के इस पवित्र यात्रा का लाभ उठा सकें। ट्रेन में 22 कोच होंगे, जिनमें 4 सामान्य, 13 स्लीपर, 2 AC-3 और 1 AC-2 कोच शामिल हैं।
क्या है स्पेशल ट्रेन का मुख्य उद्देश्य?
इस स्पेशल ट्रेन का मुख्य उद्देश्य मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश के श्रद्धालुओं को आसान और सुविधाजनक यात्रा उपलब्ध कराना है। ट्रेन मार्ग में भोपाल, विदिशा, सागर, दमोह, कटनी, सतना, प्रयागराज छिवकी, मिर्जापुर, पं. दीनदयाल उपाध्याय जंक्शन समेत कई प्रमुख स्टेशनों पर ठहराव होगा। इस ट्रेन के माध्यम से श्रद्धालु गया के विष्णुपद मंदिर और फल्गु नदी के तट पर पिंडदान, तर्पण और अन्य श्राद्ध अनुष्ठान कर सकते हैं।
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स्पेशल ट्रेन शेड्यूल और सुविधाएं
- भोपाल → गया (Train 01661): 7, 12 और 17 सितंबर को दोपहर 1:20 बजे रानी कमलापति से प्रस्थान, अगले दिन सुबह 9:30 बजे गया पहुंचेगी।
- गया → भोपाल (Train 01662): 10, 15 और 20 सितंबर को दोपहर 2:15 बजे गया से रवाना, अगले दिन सुबह 10:45 बजे भोपाल पहुंचेगी।
- ट्रेन में AC, Sleeper और General कोच उपलब्ध हैं, जिन्हें यात्री IRCTC या आरक्षण केंद्रों से अपनी सुविधा के अनुसार बुक कर सकते हैं।
रूट विवरण और प्रमुख स्टेशन
यह ट्रेन भोपाल, विदिशा, गंजबासौदा, सागर, दमोह, कटनी, सतना, प्रयागराज छिवकी, मिर्जापुर, पं. दीनदयाल उपाध्याय जंक्शन, भभुआ रोड, सासाराम, डेहरी-ऑन-सोन और अनुग्रह नारायण रोड सहित कई महत्वपूर्ण स्टेशनों से होकर गुजरेगी। इस मार्ग से मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश के कई ज़िले सीधे लाभान्वित होंगे और श्रद्धालु बिना कठिनाई के यात्रा कर सकेंगे।
गया में पितृपक्ष और पिंडदान का महत्व
गया को हिंदू धर्म में मोक्ष स्थली कहा जाता है। पितृपक्ष के दौरान यहां पिंडदान करने से पूर्वजों की आत्मा को मोक्ष की प्राप्ति होती है और वे स्वर्गलोक की ओर जाते हैं। पौराणिक कथाओं के अनुसार, भगवान राम और माता सीता ने भी अपने पिता दशरथ का पिंडदान इसी स्थल पर किया था। यहां पिंडदान करने से 108 पीढ़ियों के पितरों और 22 पीढ़ियों के मातृ पक्ष को मुक्ति मिलती है। श्रद्धालुओं के लिए यह यात्रा आत्मिक और धार्मिक दृष्टि से अत्यंत महत्वपूर्ण है।
IRCTC और आरक्षण जानकारी
श्रद्धालु अपनी सीट IRCTC की वेबसाइट और मोबाइल ऐप, साथ ही रेलवे आरक्षण केंद्रों से बुक कर सकते हैं। ट्रेन में उपलब्ध AC, स्लीपर और जनरल कोच श्रद्धालुओं की सुविधा और बजट को ध्यान में रखते हुए रखे गए हैं। यह सुविधा विशेष रूप से पितृपक्ष 2025 के दौरान यात्रियों की बढ़ती मांग को ध्यान में रखते हुए शुरू की गई है।
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