क्या सचमुच प्यार ने बदल दी एक लड़की की पूरी पहचान? धार की रुखसार बनी वंशिका ने निकाह ठुकराकर सनातन धर्म अपनाया और महादेव के साक्षी में की वैदिक विवाह! क्या ये प्रेम की जीत है या धर्म की पुकार?

धार। मध्य प्रदेश के धार जिले से आई यह कहानी सिर्फ प्यार की नहीं, बल्कि आस्था और आत्मविश्वास की भी है। रुखसार नाम की एक मुस्लिम युवती ने बचपन से ही हिंदू संस्कृति के प्रति लगाव महसूस किया। वह बिंदी लगाती थी, साड़ी पहनती थी और नवरात्रि में माता के दर्शन के लिए जाती थी। हालांकि, उसके इस व्यवहार का घर में विरोध होता था, लेकिन रुखसार हमेशा यही कहती थी “मैं हिंदू बनकर ही शादी करूंगी, क्योंकि यहां नारी का सम्मान होता है।”

रुखसार से वशिंका बनी लड़की ने क्यों चुना सनातन धर्म?

धार जनपद के धरमपुरी की रहने वाली रुखसार की जिंदगी में बड़ा मोड़ तब आया, जब उसके परिवार ने उसका निकाह तय कर दिया। लेकिन रुखसार ने इस निकाह से साफ इनकार कर दिया। उसने कहा “मुझे हिंदू रीति से शादी करनी है। इस धर्म में महिला को देवी माना जाता है।” रुखसार की मुलाकात सोशल मीडिया पर खंडवा जिले के उंडेल गांव निवासी विशाल राजपूत से हुई थी। धीरे-धीरे दोस्ती प्यार में बदल गई और दोनों ने शादी का फैसला कर लिया।

निकाह से पहले महादेवगढ़ मंदिर में वैदिक रीति से ले लिए सात फेरे

27 नवंबर को होने वाले निकाह से पहले ही रुखसार ने अपना नाम बदलकर वंशिका रख लिया और सनातन धर्म अपना लिया। मंगलवार को महादेवगढ़ मंदिर में वैदिक रीति-रिवाजों से विवाह हुआ। इस मौके पर हरिहर मिलन दिवस भी मनाया जा रहा था। वंशिका ने शादी के बाद कहा, “मैंने श्री रामचरितमानस को अपने जीवन का आधार बनाया है। अब मैं उसके अनुसार ही जीवन जीऊंगी। यह मेरा अपना फैसला है, किसी दबाव में नहीं लिया गया।”

परिवार का विरोध, लेकिन साहस से लिया फैसला

वंशिका ने बताया कि जब उसने धर्म परिवर्तन और विवाह का निर्णय लिया, तो परिवार ने कड़ा विरोध किया। लेकिन उसने कहा — “अब मैं वही करूंगी जो मेरे दिल की आवाज है।” वह मानती है कि सनातन धर्म में स्त्री को सम्मान और स्वतंत्रता दोनों मिलते हैं।

विशाल बोला, ‘मैंने रुखसार नहीं, वंशिका से शादी की है’

विशाल राजपूत, जो पेशे से किसान हैं, ने कहा कि उन्होंने किसी को बदलने के लिए नहीं, बल्कि साथ जीने के लिए शादी की है। उन्होंने कहा कि “वंशिका ने अपने मन से सनातन धर्म अपनाया है। हमारे परिवार को इससे कोई आपत्ति नहीं है।”

क्या वंशिका का फैसला समाज में नया संदेश देगा?

हरिहर मिलन दिवस के मौके पर हुए इस विवाह में कई लोग मौजूद थे। शादी में हिंदूवादी नेता अशोक पालीवाल भी शामिल हुए। उन्होंने कहा “पहले धर्मांतरण तलवार की नोंक पर होता था, लेकिन आज लड़कियां अपनी इच्छा से सनातन धर्म अपना रही हैं। यह हमारे समाज के प्रति भरोसे का प्रतीक है।”