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बागेश्वर धाम की तर्ज पर फेमस हुए थे कभी 8वीं पास ब्रह्मेश्वर धाम, एक महिला ने ऐसी 'पर्ची' निकाली कि 'दरबार' में सन्नाटा पसर गया
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छतरपुर. मध्यप्रदेश का छतरपुर इन दिनों बागेश्वर धाम के पीठाधीश्वर धीरेंद्र शास्त्री की वजह से देशभर के मीडिया की सुर्खियों में है। हालांकि इससे पहले भी छतरपुर में ब्रह्मेश्वर धाम के महाराज लवलेश तिवारी सुर्खियों में आए थे। वे भी धीरेंद्र शास्त्री की तरह पर्ची लिखकर लोगों के दु:ख-तकलीफों का निदान करने का दावा करते थे। लेकिन एक महिला भक्त द्वारा रेप का इल्जाम लगाने के बाद उनका पतन हो गया था। महाराज के खिलाफ खजुराहो थाना पुलिस ने 18 फरवरी, 2022 को रेप की FIR दर्ज करके उन्हें जेल भेजा था। 6 महीने बाद ही उन्हें जमानत मिली थी। आइए जानिए कौन थे ये लवलेश तिवारी...
छतरपुर जिले में स्थित ब्रह्मेश्वर धाम (Brahmeshwar Dham) में भी कभी भारी भीड़ जुटती थी। पीठाधीश्वर लवलेश महाराज (Lavlesh Maharaj) धीरेंद्र शास्त्री की तरह पर्ची के जरिये लोगों के मन की बात पढ़ने का दावा करते थे। लेकिन अब वहां कोई नहीं जाता।
करीब 21 साल के लवलेश तिवारी भी खुद को हनुमानजी का परम भक्त मानते थे। वे खुद को पंडोखर सरकार का चेला मानते हैं। लेकिन जब उन पर रेप का इल्जाम लगा, तो सब खत्म हो गया। अब लवलेश तिवारी ब्रह्मेश्वर धाम से करीब 60 किमी दूर दरबार लगाते हैं, लेकिन अब पहले जैसा चमत्कार नहीं रहा।
रेप के आरोप में जेल में बंद रहे ब्रह्मेश्वर धाम के पीठाधीश्वर आचार्य लवलेश तिवारी को 24 अगस्त, 2022 को जमानत मिली थी। जेल से निकलने पर सबसे पहले उन्होंने मीडिया से यही कहा था कि बालाजी सरकार उनके साथ जरूर न्याय करेंगे।
2022 में ब्रह्मेश्वर धाम के पीठाधीश्वर आचार्य लवलेश तिवारी पर एक महिला ने रेप का आरोप लगाकर सनसनी फैला दी थी। इस मामले को लेकर लोगों ने विरोध प्रदर्शन भी किए थे। इनमें ओबीसी महासभा के जबर्दस्त विरोध के बाद पुलिस को उन्हें गिरफ्तार करना पड़ा था।
पीड़ित महिला ने आरोप लगाया था कि घटनावाले दिन वो ब्रह्मेश्वर धाम गई थी। उस समय वहां कोई नहीं था। झाड़-फूंक की आड़ में महाराज ने उसके कपड़े उतारे और रेप किया। महिला के पति का कहना था कि उनकी पत्नी बीमार रहती थी। इसी की झाड़-फूंक कराने वो ब्रह्मेश्वर धाम गए थे।
लवलेश तिवारी अकसर कहते हैं कि लोगों के मन की बात पढ़ लेना हनुमान की भक्ति के बगैर संभव नहीं है। जब हनुमानजी उन्हें आदेश देते हैं, तभी वे लोगों की मन की बात पर्ची पर लिखकर देते हैं।
लवलेश तिवारी के पिता का नाम स्वर्गीय तुलसीदास तिवारी एवं माता का नाम फूलबाई तिवारी है। इनकी तीन बहने हैं। जब इनके पिता की मौत हुई, तब इनकी उम्र महज 8 साल थी। इनके पिता भी कर्मकांडी पंडित थे। आठवीं तक पढ़े लवलेश तिवारी की शुरुआती शिक्षा छतरपुर जिले के महर्षि स्कूल से हुई। ये छतरपुर जिले के मढ़ा के रहने वाले हैं।