सार
मध्यप्रदेश के टाइगर रिजर्व के लिए प्रसिध्द बांधवगढ़ रेंज में खोज करने वाली टीम को बड़ी सफलता मिली है। यहां ताला रेंज में पुरातत्व विभाग को ताजा खुदाई में 11 गुफाएं मिली है। इनसे आर्कियोलॉजिस्ट को 2 हजार साल पहले के इतिहास की जानकारी मिली है।
उमरिया (Umaria). मध्य प्रदेश के टाइगर रिजर्व के लिए फेमस उमरिया जिले के बांधवगढ़ नेशनल पार्क में पुरातत्व विभाग द्वारा जारी खुदाई में बड़ी सफलता मिली है। यहां एएसआई ने करीब 2 हजार साल पुरानी करीब 26 गुफाओं की खोज की गई है। हैरानी की बात ये है कि इनमें से कई गुफाओं में करीब 2 हजार पहले के ऐसे लेख मिले है जो कि हजारों साल पुरानी आधुनिक सभ्यता की जानकारी मिली है। एएसआई विभाग इन गुफाओं की डीप स्टडी करने में लगा हुआ है। यह खुदाई कार्यक्रम 1 अप्रैल से 30 जून तक चलेगा।
सालों पुरानी रॉक पेटिंग से लेकर मानव निर्मित जलाशय मिले
बांधवगढ़ नेशनल पार्क में जारी खुदाई अभियान के तहत एएसआई (आर्कलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया) के जबलपुर सर्किल के अधिकारियों को 1500 साल पुरानी रॉक पेटिंग और करीब 2 हजार साल पुरानी कई मानव निर्मित जलाशय मिले है। इनको देखकर विभाग का मानना है कि यहां आधुनिक समाज रहता रहा होगा। क्योंकि जलाशय काफी ऊंचाई पर बनाए गए है और इनका उपयोग बारिश का पानी स्टोर करने के लिए किया जाता होगा। और इस तरह का पानी स्टोर करने का तरीका आधुनिक समाज को दर्शाता होगा। हालांकि विभाग के अधिकारियों का कहना है कि इनको करीब 1 हजार साल पहले रेनोवेट किया गया होगा।
खोज में अभी तक मिली 26 गुफाएं
1100 वर्ग मीटर एरिया में फैले बांधवगढ़ में एक जोन पर लगातार सर्च अभियान जारी है। जिसमें अभी 26 गुफाएं बरामद हुई है। ये सभी गुफाएं मानव द्वारा चट्टानों को काटकर बनाई गई है। पुरातत्व विभाग का कहना है कि इनमें से कुछ बौद्ध धर्म से जुड़ी है। इन गुफाओं से 24 अभिलेख मिले है जो ब्राह्मी और अन्य भाषाओं में मिले है। इन गुफाओं के बारे में ऑर्कियोलॉजिस्ट का कहना है कि इन गुफाओं को व्यापारी वर्ग द्वारा किया जाता रहा होगा। इन गुफाओं में एक साथ 30 से 40 लोग रह सकते है। इनसे कई केव में गोटियों का खेल खेलने वाले सामान के अवशेष मिले है।
अनोखी रॉक पेटिंग हुई बरामद
बांधवगढ़ में जारी खोज में विभाग को पहली बार रॉक पेटिंग बरामद हुई है। एएसआई अधीक्षण अभियंता जबलपुर सर्कल के अधिकारी शिवकांत बाजपेयी ने बताया कि यह ऐतिहासिक युग की पेटिंग नहीं बल्कि अभी से 1500 साल पहले की हो सकती है। इस बारे में अभी कोई जानकारी नहीं है इसका अध्ययन किया जा रहा है।