सार
Aurangzeb Tomb Row: नागपुर में औरंगजेब की कब्र हटाने की मांग पर हिंसा भड़की। अफवाहों के चलते दो समुदायों में झड़प हुई, जिसमें कई घायल हुए और आगजनी हुई। पुलिस ने स्थिति नियंत्रण में की।
Aurangzeb Tomb Row: महाराष्ट्र के नागपुर के महाल और हंसपुरी में सोमवार की रात भड़की हिंसा के चलते 30 लोग घायल हुए हैं। पुलिस ने 65 उपद्रवियों को हिरासत में लिया है। हिंसा प्रभावित कई थाना क्षेत्रों में कर्फ्यू है।
नागपुर में औरंगजेब की कब्र हटाने की मांग को लेकर दक्षिणपंथी समूहों ने विरोध प्रदर्शन किया गया। इस दौरान प्रतीकात्मक रूप से हरे रंग का कपड़ा जलाया गया। इससे अफवाह फैल गई कि पवित्र पुस्तक को जलाया गया है। इसके चलते तनाव बड़ा और हिंसा शुरू हो गई। दो समुदायों के बीच झड़प के दौरान बड़े पैमाने पर आगजनी और तोड़फोड़ की गई। पुलिस को स्थिति नियंत्रण में लाने के लिए आंसू गैस के गोले छोड़ने पड़े और लाठीचार्ज करना पड़ा। हिंसा के दौरान चिटनिस पार्क और महाल इलाके में पथराव किया गया। हिंसा में करीब 30 पुलिसकर्मी घायल हुए हैं।
नागपुर में हिंसा कैसे भड़की?
सोमवार सुबह 7 से 9 बजे के बीच महाल क्षेत्र में मराठा प्रतीक छत्रपति शिवाजी महाराज की प्रतिमा के सामने शिव जयंती कार्यक्रम का आयोजन किया गया। दोपहर करीब 12 बजे विश्व हिंदू परिषद (VHP) और बजरंग दल के 40-50 कार्यकर्ताओं ने औरंगजेब की कब्र हटाने की मांग को लेकर प्रदर्शन किया। प्रदर्शनकारियों ने औरंगजेब के पुतले को हरा रंग के चादर से ढककर आग के हवाले कर दिया। इसके बाद सोशल मीडिया पर अफवाह फैलाई गई कि पवित्र पुस्तक को जलाया गया है। इससे जुड़े वीडियो भी शेयर किए गए।
शाम 5-7 बजे के बीच एक समुदाय के युवक जुटे और नारेबाजी की। तनाव बढ़ता देख पुलिस बल की तैनाती की गई थी। इस दौरान बहुत कम वक्त में हजारों लोग सड़क पर जुट गए और पुलिस पर पथराव शुरू कर दिया।
अफवाह फैलाने वाले 100 से अधिक सोशल मीडिया अकाउंट की हो रही जांच
शाम करीब 7.30 बजे हिंसा तेजी से फैली। कारों और बाइकों में आग लगा दी गई। लोगों के घरों पर पथराव किया गया। एक जेसीबी को भी जला दिया गया। पुलिस ने पहले लाठीचार्ज कर स्थिति संभालने की कोशिश की। इसके बाद आंसू गैस के गोले दागे। 5-6 आम लोगों के घायल होने की जानकारी मिली है।
महाराष्ट्र पुलिस की साइबर विंग ने अफवाह फैलाने वाले 100 से अधिक सोशल मीडिया अकाउंट की जांच शुरू कर दी है। अधिकारियों ने लोगों से अपील की है कि वे ऑनलाइन प्रसारित हो रहे पुराने वीडियो पर ध्यान नहीं दें। अफवाहों पर विश्वास नहीं करें।