सार

मुंबई के मलाड स्थित एक डेवलपर ने वनराई पुलिस में धर्मगुरु राधे मां के बेटे हरजिंदर सिंह और एमएम मिठाईवाला के निदेशक विक्की गुप्ता के खिलाफ धोखाधड़ी की FIR दर्ज कराने जा रहे हैं। मामला किरायेदारी की फर्जी रसीदें पेश करने से जुड़ा है। 

मुंबई. मुंबई के मलाड स्थित एक डेवलपर ने वनराई पुलिस में धर्मगुरु राधे मां के बेटे हरजिंदर सिंह और एमएम मिठाईवाला के निदेशक विक्की गुप्ता के खिलाफ धोखाधड़ी की FIR दर्ज कराने जा रहे हैं। मामला किरायेदारी की फर्जी रसीदें पेश करने से जुड़ा है। जिस बिल्डिंग को BMC ने नीलाम किया था, हरजिंदर सिंह ने उसमें किरायेदार होने का दावा किया है।

राधे मां के बेटे पर धोखाधड़ी का इल्जाम

बृजवासी बिल्डर्स के मैनेजिंग अशोक जैन के अनुसार, विक्की गुप्ता और हरजिंदर सिंह ने 2017 में उनसे संपर्क किया था और दावा किया था कि वह मलाड पूर्व में वर्मा वाडी नामक एक इमारत के किरायेदार थे, जिसे बिल्डर रीडेवलप कर रहा है। दोनों ने कथित तौर पर अपने दावों की प्रामाणिकता साबित करने के लिए किराए की दो रसीदें पेश कीं। ये रसीदें इमारत के पूर्व मालिकों अजय सुर्वे और संतोष महाजन द्वारा जारी की गई थीं। हरजिंदर सिंह ने कथित तौर पर दावा किया कि उन्होंने इमारत की पहली मंजिल पर एक कमर्शियल और रेसिडेंसियल फ्लैट किराए पर ले रहा था।

अशोक जैन के मुताबिक, सर्वे और महाजन ने बीएमसी द्वारा नीलाम इमारत को खरीदा था। इसे अग्रवाल बिल्डर्स को बेच दिया गया था। बाद में बृजवासी बिल्डर्स ने यह प्लॉट अग्रवाल बिल्डर्स से खरीदा था। सर्वे और महाजन मालिक हैं, बाकी सभी पगड़ी प्रणाली के तहत किरायेदार थे। हरजिंदर सिंह ने ऐसा ही एक किरायेदार होने का दावा किया है।

क्यों विवादों में घिरा राधे मां का बेटा?

अशोक जैन के अनुसार, तथ्यों की जांच के बाद उन्होंने 21 जुलाई को एनसी दर्ज करने के लिए पुलिस से संपर्क किया। पुलिस ने बयान नोट कर लिया है और जल्द ही और बयान दर्ज करेगी। जैन ने यह भी आरोप लगाया कि विक्की गुप्ता के लोगों ने कथित तौर पर उन्हें धमकी देते हुए कहा कि शिकायत से कुछ नहीं होगा, उनकी पहुंच बहुत ऊपर तक है।

हालांकि विक्की गुप्ता ने सफाई दी कि हरजिंदर और उन्होंने डेवलपर को डॉक्यूमेंट उपलब्ध कराए हैं। उन्होंने भी बिल्डर्स के खिलाफ हाईकोर्ट में शिकायत दर्ज की है। गुप्ता ने आरोप लगाया कि हरजिंदर सिंह को इस मामले में घसीटा गया है, क्योंकि वह प्रसिद्ध हैं। बृजवासी बिल्डर्स को अदालत का दरवाजा खटखटाना चाहिए था।

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