सार
डायरेक्टर हंसल मेहता की बहुचर्चित वेब सीरिज 'स्कूप' नेटफ्लिक्स पर रिलीज हो चुकी है। यह फिल्म मुंबई की जर्नलिस्ट जिग्ना वोरा पर बेस्ड है। ये दूसरे जर्नलिस्ट ज्योतिर्मय डे की हत्या में 7 साल बाद बरी हुईं।
मुंबई. डायरेक्टर हंसल मेहता की बहुचर्चित वेब सीरिज 'स्कूप' नेटफ्लिक्स पर रिलीज हो चुकी है। यह फिल्म मुंबई के क्राइम रिपोर्टर ज्योतिर्मय डे मर्डर केस से बरी हुईं जिग्ना वोरा की किताब पर बेस्ड है। जर्नलिस्ट जिग्ना वोरा पर डॉन छोटा राजन के साथ मिलकर हत्या की साजिश रचने का इल्जाम लगा था। हालांकि वे बरी हो चुकी हैं। जिग्ना का किरदार करिश्मा तन्ना ने निभाया है। आइए जानते हैं आखिर ये मर्डर मिस्ट्री थी क्या?
क्या है स्कूप फिल्म और ज्योतिर्मय डे मर्डर मिस्ट्री?
नेटफ्लिक्स पर रिलीज हुई हंसल मेहता की 'स्कूप' मुंबई की जर्नलिस्ट जिग्ना वोरा की असल जिंदगी पर बनी है। इसे क्रिटिक्स ने अच्छे नंबर दिए हैं। ऐसे में लोगों की इस वेब सीरीज को लेकर उत्सुकता बढ़ गई है।
यह बात 2011 की है, जब मुंबई की पत्रकार जिग्ना वोरा को वेटेरन क्राइम रिपोर्टर ज्योतिर्मय डे के मर्डर के आरोप में अरेस्ट किया गया था। जिग्ना वोरा पर डॉन छोटा राजन के साथ कथित रूप से ज्योतिर्मय डे की हत्या की साजिश रचने का इल्जाम था। हालांकि 7 साल चली कानूनी लड़ाई के बाद उन्हें कोर्ट ने बरी कर दिया।
कौन हैं जर्नलिस्ट जिग्ना वोर और क्या था डॉन छोटा राजन से कनेक्शन?
जिग्ना वोरा एशियन एज की एक होनहार और महत्वाकांक्षी पत्रकार रही हैं। वे मुंबई ब्यूरो की डिप्टी ब्यूरो चीफ थीं। घटना के समय उनकी उम्र करीब 37 साल थी। जिंदगी और करियर में सबकुछ बढ़िया चल रहा था।
अचानक 2011 में मिड-डे के सीनियर रिपोर्टर ज्योतिर्मय डे को अज्ञात हमलावरों ने गोली मार दी थी। पुलिस ने इन्वेस्टिगेशन शुरू की, तो संदिग्धों में जिग्ना वोरा का नाम सामने आया। उनका छोटा राजन से कनेक्शन निकला था।
स्कूप वेब सीरिज जिग्ना वोरा के संस्मरण 'बिहाइंड बार्स इन भायखला: माई डेज इन प्रिजन- Jigna Vora memoir, 'Behind Bars in Byculla: My Days in Prison' पर ही बेस्ड है। इसमें करिश्मा तन्ना ने एक क्राइम रिपोर्टर जागृति पाठक की भूमिका निभाई है, जो जिग्ना वोरा की कहानी है।
ज्योतिर्मय डे मर्डर: 9 महीने जेल में रहीं जिग्ना वोरा
जिग्ना वोरा के बारे में कहा जाता है कि उनके रिश्ते अंडरवर्ल्ड डॉन छोटा राजन से थे। मर्डर के कुछ हफ्ते पहले उन्होंने छोटा राजन का एक इंटरव्यू भी लिया था। जिग्ना को इस केस में 9 महीने जेल में बिताने पड़े। 2012 में वे मुंबई की बायकुला जेल से जमानत पर रिहा हुई थीं।
फिर सबूतों की कमी के कारण 2018 के विशेष महाराष्ट्र कंट्रोल ऑफ ऑर्गनाइज्ड क्राइम एक्ट (मकोका) अदालत में 7 साल बाद ही उन्हें सभी आरोपों से मुक्त कर दिया गया था। जेल से रिहा होने के बाद जिग्ना वोरा ने अपने संस्मरण 'बिहाइंड बार्स इन भायखला: माई डेज़ इन प्रिज़न' लिखी।
जिग्ना वोरा की जर्नलिज्म से पहले की जिंदगी
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, जिग्ना वोरा ने मुंबई के रूपारेल कॉलेज से लॉ की डिग्री हासिल की थी। फिर सोमैया कॉलेज से डिप्लोमा कोर्स किया। जिग्ना की मुलाकात वेली थेवर(Velly Thevar) से हुई, जो उनके फैकल्टी के अलावा टाइम्स ऑफ इंडिया के जाने-माने क्राइम रिपोर्टर थे।
जिग्ना एक प्रतिष्ठित लॉ फर्म के साथ इंटर्नशिप कर रही थीं। हालांकि माता-पिता के दबाव के कारण उन्हें सब छोड़कर शादी करनी पड़ी। इस शादी में जिग्ना का धोखा मिला। कहा गया था कि उनका पति इंजीनियर है, लेकिन हकीकत में वो गुजरात के भरूच में एक प्रिंटिंग प्रेस चलाता था। लिहाजा दोनों अलग हो गए। 2004 में, जिग्ना एक चार साल के बेटे के साथ अपने मायके वापस आ गईं और फिर मीडिया में अपना करियर बनाया।
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