सार
कांग्रेस से निष्कासन के बाद 1999 में पूर्व लोकसभा अध्यक्ष पी संगमा और तारिक अनवर के साथ NCP की स्थापना करने वाले शरद पवार ने चुनाव आयोग के फैसले को चुनौती दी है।
शरद पवार। महाराष्ट्र में सियासी हलचल तेज हो गई है। आज यानी सोमवार (19 फरवरी) को सुप्रीम कोर्ट शरद पवार की उस याचिका पर सुनवाई करेगा, जिस पर चुनाव आयोग ने महाराष्ट्र के उप मुख्यमंत्री अजित पवार के नेतृत्व वाले गुट को असली राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) के रूप में मान्यता दी थी। इसको फैसले के बाद शरद पवार ने चुनाव आयोग के खिलाफ याचिका दायर की थी। 16 फरवरी को पवार के वकील वरिष्ठ अधिवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी ने शीर्ष अदालत से अनुरोध किया कि इस सप्ताह आने वाले महाराष्ट्र विधानसभा सत्र को देखते हुए मामले पर तत्काल विचार किया जाए। वहीं आज सुप्रीम कोर्ट में याचिका की सुनवाई जस्टिस सूर्यकांत, दीपांकर दत्ता और केवी विश्वनाथन की पीठ करेगी।
6 फरवरी को चुनाव आयोग ने घोषणा की थी कि अजित पवार गुट ही असली NCP है। इस समूह को पार्टी का चुनाव चिन्ह घड़ी आवंटित किया था। इसके बाद 15 फरवरी को महाराष्ट्र विधानसभा अध्यक्ष राहुल नार्वेकर ने कहा कि अजित पवार के नेतृत्व वाला राकांपा गुट ही असली राकांपा है और संविधान में दल-बदल विरोधी प्रावधानों का इस्तेमाल आंतरिक असंतोष को दबाने के लिए नहीं किया जा सकता है। वहीं शरद पवार ने अपने विधायकों द्वारा व्हिप के संभावित उल्लंघन के डर के मद्देनजर अपनी याचिका पर तत्काल सुनवाई की मांग की।
शरद पवार के गुट का नया नाम
कांग्रेस से निष्कासन के बाद 1999 में पूर्व लोकसभा अध्यक्ष पी संगमा और तारिक अनवर के साथ NCP की स्थापना करने वाले शरद पवार ने चुनाव आयोग के फैसले को चुनौती दी है। हालांकि, अब शरद पवार के गुट को अब NCP (शरदचंद्र पवार) कहा जाता है। वहीं इसको लेकर अजीत पवार गुट ने सुप्रीम कोर्ट में एक कैविएट दायर की है ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि अगर शरद पवार समूह शीर्ष अदालत में जाता है तो उसके पक्ष में कोई एकपक्षीय आदेश पारित नहीं किया जाए।
जुलाई 2023 में अजित पवार और अधिकांश राकांपा विधायक एकनाथ शिंदे की शिवसेना और भाजपा के महाराष्ट्र के सत्तारूढ़ गठबंधन में शामिल होने के लिए चले गए। जिस पर राहुल नार्वेकर ने कहा कि अजित पवार समूह ने महाराष्ट्र में शिवसेना-भाजपा सरकार में शामिल होने का फैसला किया तो उसके पास पार्टी के 53 विधायकों में से 41 का भारी विधायी बहुमत था। इसलिए ये असली NCP है।
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