सार
मुंबई में पूर्व मंत्री बाबा सिद्दीकी की हत्या के मामले में आरोपियों ने मिर्च स्प्रे से पहचान छिपाने की योजना बनाई थी, लेकिन तीसरे आरोपी शिव कुमार गौतम ने सीधे फायरिंग शुरू कर दी, जिससे योजना फेल हो गई। अन्य अहम पहलुओं पर जानें ताजा अपडेट।
मुंबई। राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) नेता बाबा सिद्दीकी की हत्या के मामले में एक नया खुलासा हुआ है। जांच में पता चला है कि हमलावरों ने मिर्च स्प्रे का उपयोग कर अपनी पहचान छिपाने की योजना बनाई थी, ताकि वे आसानी से घटना स्थल से भाग सकें। आरोपियों की योजना थी कि पहले मिर्च स्प्रे किया जाएगा, जिससे लोग अस्थायी रूप से अंधे हो जाएंगे और उन्हें गोली मारने का मौका मिल जाएगा।
इस वजह से फेल हो गई शूटरों की योजना
हालांकि, योजना के मुताबिक सब कुछ नहीं हुआ। तीसरे आरोपी शिव कुमार गौतम ने बिना मिर्च स्प्रे किए ही सीधे फायरिंग शुरू कर दी, जिससे पूरी साजिश नाकाम हो गई। पुलिस के अनुसार, हत्या की इस साजिश में लॉरेंस बिश्नोई गिरोह का हाथ है, जिसने इस पूरी घटना की जिम्मेदारी भी ली थी।
मुंबई क्राइम ब्रांच को सौंपी गई जांच
महाराष्ट्र के पूर्व मंत्री बाबा सिद्दीकी की शनिवार रात करीब 9.30 बजे के आस-पास निर्मल नगर पुलिस स्टेशन के अंतर्गत उनके बेटों के कार्यालय के बाहर गोली मार दी गई थी। 3 हमलावरों ने उनके बेटे जीशान के बांद्रा ईस्ट स्थित कार्यालय के बाहर उन पर गोलियां चलाईं। 66 वर्षीय सिद्दीकी को लीलावती अस्पताल ले जाया गया, जहां उनकी मौत हो गई। रविवार को बड़ा कब्रिस्तान में पूरे राजकीय सम्मान के साथ सिद्दीकी का अंतिम संस्कार किया गया। लॉरेंस बिश्नोई गिरोह ने पूर्व मंत्री की हत्या के एक दिन बाद घटना की जिम्मेदारी ली। इस मामले में अपराध दर्ज कर जांच क्राइम ब्रांच को सौंप दी गई है।
गिरफ्तार दोनों आरोपी भेजे गए न्यायिक हिरासत में?
लॉरेंस बिश्नोई गिरोह के एक सहयोगी शुभम लोनकर ने सोशल मीडिया पोस्ट के जरिए बाबा सिद्दीकी पर हमले की सार्वजनिक रूप से जिम्मेदारी ली। मुंबई पुलिस ने हरियाणा निवासी गुरमेल बलजीत सिंह (23) और उत्तर प्रदेश निवासी धर्मराज राजेश कश्यप (19) को गिरफ्तार किया था। जबकि गोलीबारी के दौरान मौके पर मौजूद उनका एक साथी मौके से फरार हो गया था। आरोपियों को क्राइम ब्रांच की टीम ने कोर्ट में पेश किया, जहां धर्मराज कश्यप के वकील ने दावा किया कि वह नाबालिग है।
एक आरोपी के नाबालिग होने का दावा हुआ फेल, कौन है चौथा संदिग्ध?
हालांकि, आरोपी धर्मराज कश्यप का बोन टेस्ट किया गया, जिसमें यह साबित हो गया कि वह नाबालिग नहीं है। चौथा आरोपी अख्तर जालंधर के नकोदर के शकर गांव का रहने वाला था। उसे स्थानीय पुलिस ने 2022 में संगठित अपराध, हत्या और डकैती से जुड़े एक मामले में गिरफ्तार किया था। सूत्रों ने बताया कि पटियाला जेल में बंद रहने के दौरान वह लॉरेंस बिश्नोई गिरोह के संपर्क में आया और वो सिद्दीकी की हत्या में शामिल था।
लाॅरेंस बिश्नोई गैंग के संपर्क में कैसे आया अख्तर?
इस साल 7 जून को जेल से रिहा होने के बाद वह गिरोह में शामिल हो गया और मुंबई चला गया। जांच बढ़ने पर पुलिस ने रविवार को पुणे से 28 वर्षीय प्रवीण लोंकर को गिरफ्तार किया। वह निर्मल नगर फायरिंग मामले में आरोपी शुभम लोंकर का भाई है। एक अधिकारी ने बताया कि भाइयों ने सिद्दीकी की हत्या की साजिश रची थी और इस साजिश में कश्यप और शिवकुमार गौतम को शामिल किया था।
हमलावरों के पास मिलीं 2 पिस्टल और 28 कारतूस
क्राइम ब्रांच के डीसीपी दत्ता नलावडे ने बताया कि आरोपियों को मौके पर ही हिरासत में लिया गया... जिनके पास से 2 पिस्तौल और 28 कारतूस बरामद किए गए... 21 अक्टूबर तक आरोपियों की हिरासत हमारे पास है। हम इस मामले में लॉरेंस बिश्नोई गिरोह की भूमिका की जांच कर रहे हैं। मुंबई क्राइम ब्रांच ने दोनों आरोपियों से 2 पिस्तौल बरामद की हैं। आरोपी मिर्च स्प्रे लेकर आए थे, पहले आरोपी मिर्च स्प्रे करने वाले थे और फिर गोली चलाने वाले थे, लेकिन तीसरे आरोपी शिव कुमार गौतम ने सीधे फायरिंग शुरू कर दी।
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