मुंबई BMW हिट-एंड-रन केस में आरोपी मिहिर शाह को सुप्रीम कोर्ट से बड़ा झटका लगा है। कोर्ट ने जमानत पर सुनवाई से इनकार करते हुए सख्त टिप्पणी की। नशे में कार चलाने, महिला को डेढ़ किलोमीटर तक घसीटने और फरार होने के आरोपों ने केस को और गंभीर बना दिया है।

मुंबई के वर्ली इलाके में हुए BMW हिट-एंड-रन केस ने न सिर्फ एक परिवार की दुनिया उजाड़ दी, बल्कि देश की न्याय व्यवस्था के सामने भी कई गंभीर सवाल खड़े कर दिए। अब इस मामले में सुप्रीम कोर्ट ने सख्त रुख अपनाते हुए आरोपी मिहिर शाह की जमानत याचिका पर सुनवाई से इनकार कर दिया है।

“ऐसे मामलों में सख्ती जरूरी” - सुप्रीम कोर्ट

सुप्रीम कोर्ट की जस्टिस दीपांकर दत्ता और जस्टिस एजी मसीह की बेंच ने स्पष्ट शब्दों में कहा कि ऐसे मामलों में कठोरता दिखाना जरूरी है। कोर्ट ने टिप्पणी की कि “इन लड़कों को सबक सिखाने की जरूरत है।” कोर्ट ने यह भी कहा कि आरोपी एक अमीर परिवार से आता है, लग्जरी गाड़ी का इस्तेमाल करता है और उसके पारिवारिक व राजनीतिक कनेक्शन को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता।

राजनीतिक कनेक्शन का भी जिक्र

सुनवाई के दौरान कोर्ट ने यह भी नोट किया कि मिहिर शाह के पिता शिवसेना (एकनाथ शिंदे गुट) से जुड़े रहे हैं। साथ ही यह तथ्य भी सामने आया कि आरोपी अपनी मर्सिडीज जैसी लग्जरी कार को शेड में पार्क करता है, जो उसकी सामाजिक और आर्थिक स्थिति को दर्शाता है।

यह भी पढ़ें: न गोली, न जाल… भालू बनकर बिजनौर के किसानों ने निकाला बंदरों को भगाने का समाधान

सुप्रीम कोर्ट के रुख के बाद याचिका वापस

मिहिर शाह की ओर से सीनियर एडवोकेट रेबेका जॉन ने दलील दी कि बॉम्बे हाईकोर्ट ने गवाहों की गवाही दर्ज होने के बाद जमानत याचिका दाखिल करने की अनुमति दी थी। हालांकि सुप्रीम कोर्ट की कड़ी टिप्पणियों के बाद बचाव पक्ष ने जमानत याचिका वापस ले ली, जिसे कोर्ट ने स्वीकार कर लिया।

7 जुलाई की वह सुबह, जिसने सब कुछ बदल दिया

7 जुलाई 2024 की सुबह करीब 5:30 बजे वर्ली के अटरिया मॉल के पास यह दर्दनाक हादसा हुआ। कोलीवाड़ा में रहने वाले प्रदीप नखवा और उनकी पत्नी कावेरी नखवा रोज की तरह ससून डॉक से मछली खरीदकर स्कूटी से लौट रहे थे। तभी पीछे से आई मिहिर शाह की तेज रफ्तार BMW ने उनकी स्कूटी को टक्कर मार दी।

डेढ़ किलोमीटर तक घसीटती रही महिला

टक्कर के बाद स्कूटी पलट गई। प्रदीप किसी तरह कूदकर बच निकले, लेकिन कावेरी नखवा कार के बोनट पर फंस गईं। इसके बाद वह कार के नीचे आ गईं और करीब डेढ़ किलोमीटर तक सड़क पर घिसटती चली गईं। इस दौरान आरोपी ने न तो गाड़ी रोकी और न ही मदद की। गंभीर रूप से घायल कावेरी को नायर अस्पताल ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया।

हाईकोर्ट: आरोपी नशे में था, व्यवहार भी संदिग्ध

बॉम्बे हाईकोर्ट ने 21 नवंबर को मिहिर शाह को जमानत देने से इनकार कर दिया था। कोर्ट ने कहा था कि हादसे के वक्त आरोपी अत्यधिक नशे में था। हाईकोर्ट ने यह भी माना कि टक्कर के बाद भी आरोपी ने कार नहीं रोकी और पीड़िता को घसीटते हुए ले गया, जो उसके आपराधिक इरादे और गैर-जिम्मेदाराना व्यवहार को दर्शाता है।

सबूतों से छेड़छाड़ की आशंका

हाईकोर्ट ने अपने आदेश में कहा था कि घटना के बाद आरोपी की हरकतें बेहद गंभीर हैं। ड्राइवर के साथ सीट बदलना, पिता को फोन करना और मौके से फरार होना, यह सब इस ओर इशारा करता है कि आरोपी गिरफ्तारी और कानूनी कार्रवाई से बचने की कोशिश कर रहा था। इससे सबूतों से छेड़छाड़ और गवाहों को प्रभावित करने की आशंका भी बढ़ जाती है।

पब में शराब, उम्र पर भी सवाल

एक्साइज विभाग की जांच में सामने आया कि हादसे से पहले मिहिर शाह और उसके दोस्त एक पब में शराब पी रहे थे। पब के बिल के मुताबिक, 12 बड़े पैग व्हिस्की ऑर्डर किए गए थे, यानी प्रति व्यक्ति लगभग चार पैग। अधिकारियों के अनुसार इतनी शराब किसी व्यक्ति को आठ घंटे तक नशे में रख सकती है।

फर्जी आईडी से शराब पीने का आरोप

पब मैनेजमेंट ने आरोप लगाया कि मिहिर शाह ने शराब पीने के लिए गलत पहचान पत्र दिखाया था। आईडी में उसकी उम्र 27 साल बताई गई थी, जबकि पुलिस रिकॉर्ड के अनुसार मिहिर की वास्तविक उम्र 24 साल है। महाराष्ट्र में शराब पीने की कानूनी न्यूनतम उम्र 25 साल है, ऐसे में यह मामला और भी गंभीर हो जाता है।

न्यायिक हिरासत में आरोपी

हादसे के दिन ही आरोपी के ड्राइवर राजऋषि बिदावत को गिरफ्तार कर लिया गया था। मिहिर शाह को 9 जुलाई 2024 को हिरासत में लिया गया। फिलहाल मिहिर शाह और उसका ड्राइवर, दोनों न्यायिक हिरासत में हैं और मामले की सुनवाई जारी है।

यह भी पढ़ें: खुशियों के मंडप में अचानक छाया सन्नाटा, फेरों से पहले दूल्हे ने रख दी ऐसी शर्त, टूटी शादी