सार
आने वाले दिनों में महाराष्ट्र की सियासत में भूचाल आ सकता है। शरद पवार की अगुवाई वाली एनसीपी में फूट के आसार दिख रहे हैं, क्योंकि एनसीपी नेता अजीत पवार के बीजेपी में शामिल होन के कयास लगाए जा रहे हैं।
मुम्बई। आने वाले दिनों में महाराष्ट्र की सियासत में भूचाल आ सकता है। शरद पवार की अगुवाई वाली एनसीपी में फूट के आसार दिख रहे हैं, क्योंकि एनसीपी नेता अजीत पवार के बीजेपी में शामिल होन के कयास लगाए जा रहे हैं। रिपोर्ट्स के अनुसार पवार अकेले नहीं बल्कि एनसीपी के 30-34 विधायकों के साथ भाजपा का दामन थाम सकते हैं। शिंदे-फडणवीस सरकार में सहयोगी बनने के लिए वह समर्थन जुटा रहे हैं। बताया जा रहा है कि एनसीपी के 53 विधायकों में से लगभग 30-34 विधायक अजीत पवार के पक्ष मे हैं। महाराष्ट्र में उद्धव ठाकरे के बाद अब शरद पवार को बड़ा झटका लग सकता है।
इन दिग्गज नेताओं ने दिया है समर्थन
प्रदेश के सियासी गलियारों में चर्चा है कि शरद पवार को जिन नेताओं ने समर्थन दिया है। उनमें छगन भुजबल, धनंजय मुंडे, प्रफुल्ल पटेल और सुनील तटकरे जैसे दिग्गज नेता शामिल हैं। जबकि महाराष्ट्र में एनसीपी के प्रदेश अध्यक्ष जयंत पाटिल और जितेंद्र अवध बीजेपी के पाले में जाने के पक्ष में नही हैं। यह भी कहा जा रहा है कि एनसीपी के अजीत पवार गुट ने इस बाबत शरद पवार से मुलाकात कर उन्हें सूचित भी किया है कि वह बीजेपी सरकार गठबंधन में शामिल होना चाहते हैं। हालांकि शरद पवार ने शिंदे-फडणवीस सरकार से किसी भी तरह के गठबंधन से इंकार किया है।
जांच का सामना कर रहे दिग्गजों को हो सकता है लाभ
सियासी हलकों में यह भी खबर आ रही है कि शरद पवार ने इस बारे में सजंय राउत से बात की है। उन्होंने कहा कि एनसीपी शिंदे-फडणवीस सरकार से गठबंधन नहीं करेगी। यदि कोई उनकी तरफ जाता है वह सिर्फ विधायक होंगे। वैसे भी विधानसभा में संख्या बल के आधार पर शिंदे-बीजेपी गुट का पलड़ा भारी है। यदि अजीत पवार अपने समर्थक विधायकों के साथ जाते हैं तो लोकसभा चुनावों में एनडीए को इसका फायदा मिल सकता है। यह भी कहा जा रहा है कि एनसीपी में दो फाड़ होने से अजीत पवार, प्रफुल्ल पटेल, छगन भुजबल और हसन मुश्रीफ आदि को राहत मिल सकती है। वह पहले से ईडी जांच का सामना कर रहे हैं। इन जांचों में उन्हें राहत मिल सकती है।