सामना में लिखा है- देवेंद्र फडणवीस कहते हैं कि इसके आगे हम संवाद नहीं, संघर्ष करेंगे, कार्यकर्ताओं लड़ने को तैयार हो जाओ। यह बहुत ही अच्छी बात है लेकिन महंगाई, बेरोजगारी, चीनी सैनिकों की घुसपैठ जैसे मुद्दों पर वे लड़े तो शिवसेना भी उनके साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़ी नजर आएगी।