वर्धा, महाराष्ट्र. कोरोना ने जैसे दुनियाभर की रफ्तार पर ब्रेक लगा दिए हैं। जिंदगी बचाने दुनियाभर में लॉक डाउन किया गया। भारत में 21 दिनों का लॉक डाउन किया गया है। लाजिमी है कि परिस्थितियोंवश सबकुछ ठप हो जाने पर लोगों को दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। ऐसे में सबसे ज्यादा परेशानी मजदूरों और उन लोगों को हुई, जो अपने घर से दूर दूसरे शहरों में फंस गए। ऐसे में सैकड़ों लोग पैदल ही अपने घर की ओर निकल पड़े। इनमें से कई घर ही नहीं पहुंच पाए। कोई रास्ते में एक्सीडेंट का शिकार हो गया, तो कोई बीमारी में मर गया। 22 साल का एक युवक वर्धा से करीब 450 किमी दूर तमिलनाडु के नामक्कल जिले में स्थित अपने गांव पहुंच तो गया, लेकिन वो जिंदा नहीं रह सका। उसकी सांसें उखड़ गईं। हार्ट अटैक से उसकी मौत हो गई। बालासुब्रमण्यम लोगेश नामक युवक 30 दोस्तों के साथ एक ट्रैनिंग के सिलसिले में वर्धा आया था। वो एग्रो फील्ड में काम करता है। लॉक डाउन के बाद उसे घर जाने का कोई साधन नहीं मिला, तो वो पैदल ही घर को निकल गया था।