सार

महाराष्ट्र के पुणे में हुए पोर्श कार हादसे के नाबालिग आरोपी को बचाने के लिए बड़े बड़े खेल हो रहे हैं। इस कांड में रोज नए खुलासे हो रहे हैं। ऐसा ही एक खुलासा फिर सामने आया है। जिसमें नाबालिग के ब्लड सैंपल कूड़ेदान में फेंकने की बात सामने आई है।

 

पुणे. महाराष्ट्र के पुणे में एक नाबालिग ने शराब के नशे में पोर्श कार से दो इंजीनियरों को कुचल दिया था। जिससे दोनों की मौत हो गई थी। इस गंभीर मामले में रईसजादे को महज कुछ शर्तों पर जमानत भी दे दी थी। अब रईसजादे का ब्लड सैंपल में फेरबदल का मामला सामने आ रहा है। बताया जा रहा है कि नाबालिग के ब्लड सैंपल को कूड़ेदान में फेंक दिया। ताकि सच्चाई को छुपाकर नाबालिग को बचाया जा सके।

डॉक्टर भी मिल गए

17 साल के रईसजादे को बचाने के लिए अस्पताल में डॉक्टर भी मिल गए हैं। पुणे पुलिस का दावा है क नाबालिग के खून के नमूने कूड़ेदान में फेंक दिए थे। उसकी जगह किसी दूसरे के सैंपल लिये गए। ब्लड सैंपल में की गई ये हेराफेरी किसी डॉक्टर के इशारे पर की गई। ऐसे में कैसे आरोपी नाबालिग को सजा मिलेगी। जबकि ये पहले ही कन्फर्म था कि नाबालिग नशे में धूत था। उसने पोर्श कार से एक युवक और उसकी गर्लफ्रैंड को कुचल दिया था।

डॉक्टर को दिया लालच, बदल गए ब्लड सैंपल

पुणे के पुलिस आयुक्त अमितेश कुमार ने सोमवार को मीडिया से चर्चा के दौरान बताया कि नाबालिग के पिता ने डॉक्टर को फोन करके ब्लड सैंपल बदलने के लिए लालच दिया। डॉक्टर के निर्देश पर नाबालिग के ब्लड सैंपल बदल दिए गए। जिसके कारण उसकी रिपोर्ट भी गलत ही आएगी।

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दो डॉक्टर्स गिरफ्तार

इस मामले में पुलिस ने ससून अस्पताल के फॉरेंसिक मेडिसिन विभाग के प्रमुख डॉ अजय तावरे और सरकारी अस्पताल के मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ श्रीहरि हार्लोर को गिरफ्तार कर लिया है। इस मामले की जांच में सामने आया कि नाबालिग के खून के सैंपल कूड़ेदान में फेंक दिए गए, जबकि उसकी जगह किसी और के सैंपल जांच के लिए लिये गए। ये सब डॉ तवारे के निर्देश पर करने की बात सामने आई है। नाबालिग के पिता ने ही डॉ तावरे को लालच देकर ब्लड सैंपल बदलाए हैं।

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