सार
NCP नेता बाबा सिद्दीकी की शनिवार को मुंबई में गोली मारकर हत्या कर दी गई। बॉलीवुड से उनके गहरे रिश्ते थे। आखिर कैसे एक घड़ी मैकेनिक का बेटा राजनीति और फ़िल्मी दुनिया में इतना प्रभावशाली बना?
Baba Siddique Murder: NCP अजित पवार गुट के नेता बाबा सिद्दीकी की शनिवार रात मुंबई के बांद्रा इलाके में हत्या कर दी गई। ऑटो में आए 3 शूटर्स ने उन पर 6 राउंड फायरिंग की, जिसमें से 2 गोली पेट में और एक सीने में जा धंसी। उन्हें तत्काल लीलावती हॉस्पिटल में एडमिट कराया गया, जहां बाबा सिद्दीकी ने दम तोड़ दिया। बाबा सिद्दीकी का दबदबा सिर्फ राजनीति तक ही सीमित नहीं था, बल्कि उनके एक इशारे पर पूरा बॉलीवुड दौड़ा चला आता था। आखिर बॉलीवुड में कैसे बनी बाबा सिद्दीकी की पैठ, आइए जानते हैं।
इस सुपरस्टार के पिता ने कराई बॉलीवुड में पहचान
सुपरस्टार संजय दत्त के पिता सुनील दत्त ने बॉलीवुड में बाबा सिद्दीकी की पहचान कराई थी। सुनील दत्त खुद कांग्रेस के दिग्गज नेता और केंद्रीय मंत्री थे। मुंबई के बांद्रा इलाके में ज्यादातर फिल्मी हस्तियां रहती हैं। इन्हें किसी न किसी काम की वजह से कई बार पॉलिटिशियन से अच्छे संबंध बनाने पड़ते हैं। चूंकि, बाबा सिद्दीकी जब एक नेता के तौर पर अपनी पहचान बना रहे थे, ऐसे में उन्हें भी अपनी ब्रांडिंग के लिए बॉलीवुड सेलेब्स की जरूरत थी। कांग्रेस नेता सुनील दत्त ने बॉलीवुड सेलेब्स से उनकी पहचान कराई। बाद में खुद संजय दत्त भी बाबा सिद्दीकी के अच्छे दोस्त बन गए।
जब बाबा सिद्दीकी ने खत्म कराया शाहरुख-सलमान का झगड़ा
बाबा सिद्दीकी ही वो शख्स हैं, जिन्होंने शाहरुख-सलमान में चला आ रहा झगड़ा खत्म कराया था। इफ्तार पार्टी देने के लिए मशहूर बाबा सिद्दीकी ने 2014 में तमाम बॉलीवुड सेलेब्स को इनवाइट किया। इसमें सलमान और शाहरुख खान को भी बुलाया गया था। बाबा सिद्दीकी ने इस पार्टी में दोनों को अपने साथ लेकर गले लगाया था। कहते हैं इसके बाद दोनों में फिर अच्छी दोस्ती हो गई।
कभी बांद्रा में घड़ी मैकेनिक थे बाबा सिद्दीकी के पिता
बाबा सिद्दीकी का जन्म 13 सितंबर, 1958 को बिहार के एक गांव में हुआ था। 5 साल की उम्र तक उनका बचपन गांव मांझा थाना के शेख टोली में ही बीता। इसके बाद पिता अब्दुल रहीम के साथ वो मुंबई चले आए। यहां उनके पिता ने बांद्रा में घड़ी सुधारने की दुकान खोल ली। बाबा सिद्दीकी का असली नाम जियाउद्दीन है। वो खुद भी पिता के साथ घड़ियां सुधारने के साथ कॉलेज की पढ़ाई करने लगे। धीरे-धीरे वो कांग्रेस की NSUI से जुडे़ और फिर पार्षद बने। इसके बाद कांग्रेस पार्टी ने उन्हें टिकट दिया और वो 1999, 2004 और 2009 में लगातार तीन बार विधायक बने। बाद में NCP में शामिल हो गए।
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