सार
दस साल की एक बच्ची ने बहादुर का परिचय देते हुए लुटेरों का विरोध किया और अपनी दादी की चेन छीनने की कोशिश को विफल कर दिया। इस घटना में बुजुर्ग महिला को मामूली चोटें आईं।
पुणे. दस साल की एक बच्ची ने बहादुर का परिचय देते हुए लुटेरों का विरोध किया और अपनी दादी की चेन छीनने की कोशिश को विफल कर दिया। इस घटना में बुजुर्ग महिला को मामूली चोटें आईं। यह मामला 25 फरवरी को शहर के मॉडल कॉलोनी इलाके में हुआ था, जिसका एक वीडियो अब सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हुआ है।
यह है पूरी घटना
एक पुलिस अधिकारी ने कहा कि शिवाजीनगर पुलिस गुरुवार(9 मार्च) को महिला के पास पहुंची और एक अज्ञात चेन स्नैचर के खिलाफ इंडियन पेनल कोड की धारा 393 (डकैती करने का प्रयास) के तहत मामला दर्ज किया है। महिला के दामाद ने मीडिया से कहा कि वो दो पोतियां के सांग बेटी के घर जा रही थीं, जब यह घटना हुई। उन्होंने कहा-"जब वे रास्ते पर चल रही थीं, तभी स्कूटर पर सवार एक व्यक्ति रास्ता पूछने के बहाने रुका और मेरी सास की पहनी हुई चेन छीनने की कोशिश की। वह चिल्लाने लगी और उसका कॉलर पकड़ लिया, और दस साल का बच्ची जूही(बदला हुआ नाम) ने लुटेरे को एक बैग से मारना शुरू कर दिया।"
उन्होंने कहा, "चेन छीनने के उसके प्रयास को विफल होने के बाद वह लुटेरा मौके से फरार हो गया।" उन्होंने कहा कि मारपीट के दौरान उसकी सास गिर गई और उसके हाथों पर चोट के निशान मिले।pic.twitter.com/LnTur7pTeU
एक खबर ये भी- दिग्विजय सिंह को ले जा रही एसयूवी ने उनकी मोटरसाइकिल को टक्कर मार दी
राजगढ़. मध्य प्रदेश के राजगढ़ जिले में 9 मार्च को कांग्रेस के सीनियर नेता दिग्विजय सिंह को ले जा रही एक एसयूवी ने मोटरसाइकिल को टक्कर मार दी जिससे 20 वर्षीय एक युवक घायल हो गया। एक अधिकारी ने बताया कि दुर्घटना जीरापुर कस्बे में हुई।
चश्मदीदों ने कहा कि आदमी की मोटरसाइकिल अचानक सिंह के काफिले में घुस गई और एसयूवी से टकरा गई, जिसमें कांग्रेस नेता यात्रा कर रहे थे। कांग्रेस नेता के करीबी सूत्रों ने बताया कि दिग्विजय सिंह नीचे उतरे और रामबाबू बागरी (20) के रूप में पहचाने जाने वाले घायल व्यक्ति को स्थानीय अस्पताल ले गए और प्राथमिक उपचार के बाद उन्हें भोपाल भेज दिया गया। जीरापुर थाना प्रभारी मुकेश गौड़ ने कहा कि आगे की जांच जारी है। दिग्विजय सिंह ने युवक इलाज कराने की बात कही है।
बाद में मीडिया से बात करते हुए सिंह ने कहा कि उनका वाहन धीरे-धीरे चल रहा था। भगवान का शुक्र है, उन्हें गंभीर चोटें नहीं आईं और मैंने उन्हें भोपाल रेफर कर दिया, उन्होंने कहा। सूत्रों ने कहा कि रात में भोपाल पहुंचने के बाद सिंह घायल व्यक्ति से मिलने के लिए चिरायु अस्पताल और मेडिकल कॉलेज गए।
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