सार

कहते हैं कि प्यार की कोई उम्र नहीं होती! अब इस कपल को ही देखिए! ये कपल कोल्हापुर के एक वृद्धाश्रम( Kolhapur old age home) में अपनी जिंदगी के बचे हुए दिन सुकून से काटने पहुंचे थे। इसी बीच दोनों को एक-दूसरे से प्यार हुआ, इकरार हुआ। 

कोल्हापुर. कहते हैं कि प्यार की कोई उम्र नहीं होती! अब इस कपल को ही देखिए! ये कपल कोल्हापुर के एक वृद्धाश्रम( Kolhapur old age home) में अपनी जिंदगी के बचे हुए दिन सुकून से काटने पहुंचे थे। इसी बीच दोनों को एक-दूसरे से प्यार हुआ, इकरार हुआ। जब दोनों की Love Story के चर्चे पूरे वृद्धाश्रम में फैले, तब उन्होंने शादी करने का फैसला किया।

75 का दूल्हा, 70 की दुल्हन, पढ़िए अनूठी प्रेम कहानी की 10 बड़ी बातें

1. कपल ने कोल्हापुर के शिरोल तालुका के घोसरवाड़ में 7 फेरे लिए। कपल घोसरवाड़ के जानकी वृद्धाश्रम में रहते हैं। अनसुइया शिंदे (70) और बाबूराव पाटिल (75) को एक-दूसरे से प्यार हो गया था। अब उन्होंने शादी कर ली। यह मैरिज चर्चा का विषय बनी हुई है।

2. अनसुइया पुणे के वाघोली की रहने वाली हैं। बाबूराव शिरोल तालुका के शिवनकवाड़ी से हैं। दोनों अपने जीवनसाथी को खो चुके हैं। कपल पिछले दो साल से इस वृद्धाश्रम में रह रहे हैं।

3.इस वृद्धाश्रम के बाकी बुजुर्गों की तरह इन्हें भी उनके परिवारों यहां छोड़कर चले गए थे। ये दोनों फिजिकल स्ट्रांग थे, लेकिन मेंटली निराश हो चुके थे।

4. वृद्धाश्रम में रहते हुए दोनों के बीच बातचीत शुरू हुई। जब दोनों एक-दूसरे से बात करते, तो उन्हें सुकून मिलता, खुशी होती। इस तरह धीरे-धीरे बाबूराव का अनसुइया पर दिल आ गया। एक दिन उन्होंने अपने प्रेम का इजहार कर दिया।

5. इस तरह उन्होंने शादी करने का फैसला किया। यहां के गांववालों और वृद्धाश्रम के मैनेजमेंट ने इस शादी में सहयोग किया। कानूनी रूप से शादी करने में उनकी मदद की।

6. शादी के बाद बाबूराव ने कहा, “जानकी वृद्धाश्रम में आने के बाद मैं बहुत अकेला महसूस कर रहा था। लेकिन अनसुइया से शादी के बाद अब मैं बहुत खुश हूं।"

7.अनसुइया शिंदे ने कहा, “बाबूराव के प्रपोज करने के बाद उन्हें जवाब देने में मुझे 8 दिन लग गए। लेकिन अब मुझे लगता है कि मैंने उनके प्रपोजल को 'हां' कहकर सही किया। अब मैं यही महसूस कर रही हूं।"

8.जानकी वृद्धाश्रम के प्रमुख बाबासाहेब पुजारी ने कहा, “बाबूराव और अनसुइया के बारे में पता चलने पर हमने उनसे बात की। हमने उनसे कोई सवाल-जवाब नहीं किया। बस हमने उनकी शादी कराने में मदद की।"

9. पुजारी बाबा ने कहा कि बाबूराव और अनसुइया इस वृद्धाश्रम में अपने जीवन के अंतिम दिन बिता रहे थे। उन दोनों को अब अपना प्यार मिल गया है।

10. लोगों ने कहा कि उन्हें अपने जीवन के अंतिम चरण को खुशहाल और सुखद बनाने के लिए बहुत जरूरत थी। शादी करके उन्हें यह खुशी मिल गई।

यह भी पढ़ें

चंबल की हत्यारिन मां: 4 साल का बेटा उसे 'मां' तक नहीं कहता था, कर बैठी एक भयानक कांड, शौहर बोला-'दिल' तो पागल है

साइबर क्रिमिनल्स ने एक्ट्रेस को किया कॉल, तो उसके प्राण सूख गए, 'जामताड़ा' के एक्टर को भी नहीं छोड़ा

कार में ऐसे नोट भरकर ले जा रहे थे जैसे सब्जी-भाजी, डिग्गी-सीट के नीचे बना रखा था स्पेशल बॉक्स, गिनते समय गायब हो गए 10 लाख