यह कहानी 11 महीने की एक ऐसी बच्ची की है, जिसने डॉक्टरों को भी एक सबक दे दिया कि अगर किसी का इलाज करना है, तो पहले उसका भरोसा जीता जाए। इस बच्ची के बायें पैर में फ्रैक्चर हुआ था। दर्द से कराहती बच्ची को हॉस्पिटल लाया गया। वहां जब उसे प्लास्टर चढ़ाने की बात आई, तो उसने पहले अपनी गुड़िया को प्लास्टर चढ़ाने की जिद पकड़ ली।