पंजाब सरकार की तरफ से आधिकारिक बयान के अनुसार, सफाई सेवकों और सीवरमैन को नियमित करने के फैसले का फायदा 4 हजार 587 संविदा कर्मचारियों को मिलेगा, जो शहरी निकाय विभाग में काम कर रहे हैं। इन कर्मचारियों को नियमित करने के साथ ही सरकार पर प्रोबेशन के शुरुआती तीन सालों के दौरान करीब 46 करोड़ रुपये का खर्च आएगा।