चन्नी ने कहा कि जब एक गरीब आदमी होता है, उसे क्या-क्या मुश्किल आती है। किसान को क्या मुश्किल आती है। यह मैंने अपने जीवन में देखी हैं। इसी को आधार बना कर हमने कुछ फैसले लिए हैं। सरकार चलाना एक घर चलाने जैसा है। इसलिए मैं कहना चाहता हूं कि आटा-दाल के साथ पेट तो भर जाएगा, लेकिन सूबे की तरक्की नहीं होगी।