सार
रेलवे की प्रीमियर प्रॉडक्टशन यूनिट-कपूरथला रेल कोच फैक्ट्री- ने अपने सप्लायर्स पर आवश्यक कम्पोनेंट्स मुहैया करने में विफल रहने के लिए जिम्मेदार ठहराया है। इस वजह से वंदे भारत ट्रेनों के प्रॉडक्शन में देरी हुई है।
नई दिल्ली. रेलवे की प्रीमियर प्रॉडक्टशन यूनिट-कपूरथला रेल कोच फैक्ट्री- ने अपने सप्लायर्स पर आवश्यक कम्पोनेंट्स मुहैया करने में विफल रहने के लिए जिम्मेदार ठहराया है। इस वजह से वंदे भारत ट्रेनों के प्रॉडक्शन में देरी हुई है। कोच फैक्ट्री के एक इंटरनल डॉक्यूमेंट से इसका खुलासा हुआ है।
वंदे भारत ट्रेनों से जुड़ा हैरान करने वाला खुलासा
इसमें कहा गया कि कपूरथला रेल कोच फैक्ट्री न केवल वंदे भारत ट्रेनों के उत्पादन के अपने लक्ष्य से पीछे रह गई, बल्कि सभी प्रकार के कोचों के ओवरऑल प्रॉडक्शन में भी विफल रही।
PTI द्वारा एक्सेस किए गए इंटरनल डॉक्यूमेंट के अनुसार, कारखाने ने फाइनेंसियल ईयर 2022-23 के अंत में प्रॉडक्शन में बड़ी कमी देखी-1,885 के टार्गेट के मुकाबले 1,478 कोचों का निर्माण किया।
फैक्ट्री 256 के टार्गेट के मुकाबले मार्च 2023 तक केवल 153 3PH मेमू ट्रेनों का निर्माण कर सकी। यह एलएचबी कोचों के लिए अपने लक्ष्य से भी कम रही-1,520 के लक्ष्य के मुकाबले उनमें से 1,325 का निर्माण किया।
कपूरथला रेल कोच फैक्ट्री को वर्ष 24 तक बनाना है 64 वंदे भारत ट्रेन
अधिकारियों ने कहा कि कपूरथला रेल कोच फैक्ट्री में वंदे भारत ट्रेनों का उत्पादन सितंबर 2024 तक शुरू होने की संभावना है। रेलवे बोर्ड ने रेल कोच फैक्ट्री (RCF), कपूरथला को फाइनेंसियल ईयर 2023-24 में 64 वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेनों के प्रॉडक्शन का टार्गेट दिया है।
रेल मिनिस्टरी का वंदे भारत ट्रेनों को लेकर बयान और सेमी हाई स्पीड ट्रेन
मंत्रालय के एक सीनियर अधिकारी ने कहा कि RCF ने अभी वंदे भारत ट्रेनों के लिए फ्रांसीसी बहुराष्ट्रीय रोलिंग स्टॉक निर्माता एल्सटॉम द्वारा भेजे गए डिजाइन को मंजूरी देने की प्रक्रिया पूरी नहीं की है।
92 डिजाइनों में से केवल चार को मंजूरी दी गई है, एक देरी जो चालू वित्त वर्ष में सेमी-हाई स्पीड ट्रेनों के उत्पादन की शुरुआत की किसी भी संभावना को रोकती है। हालांकि रेल कारखाने ने कई कारण बताए हैं कि विभिन्न कोचों और वेरिएंट के उत्पादन में देरी क्यों हुई है।
वंदे भारत ट्रेनों के प्रॉडक्शन में दिक्कत
दस्तावेज़ के अनुसार, प्रॉडक्शन रेट कच्चे माल की कीमतों में बढ़ोतरी से प्रभावित हुई थी, जिसके कारण सीट-बर्थ, 60 केवीए ट्रांसफॉर्मर, स्विचबोर्ड कैबिनेट और शेल कम्पोनेंट्स/सब-असेम्बलीज जैसी ट्रेड आइटम्स की सप्लाई में कमी आई थी।
मई से सितंबर 2022 तक पहियों की सप्लाई में गंभीर कमी थी, जिससे उत्पादन में कमी आई। इस कारण 87 कोचों का उत्पादन रुक गया।
दस्तावेज़ में कहा गया है कि बीएचईएल द्वारा इलेक्ट्रिक्स की आपूर्ति में देरी के परिणामस्वरूप मेमू रेकों का उत्पादन कम हुआ। वीबी ट्रेनसेट कोचों में देरी हुई, क्योंकि आरसीएफ को मैसर्स मेधा से इलेक्ट्रिक्स नहीं मिले।
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