सार
जम्मू-कश्मीर के पुंछ में 20 अप्रैल को सेना के ट्रक पर हुए आतंकी हमले में जान गंवाने वाले लुधियाना के मनदीप सिंह को उनके पैतृक गांव चन्नकोइया में अंतिम विदाई दी गई। इस दौरान उनकी बेटी फूट-फूटकर रो पड़ी।
लुधियाना. जम्मू-कश्मीर के पुंछ में 20 अप्रैल को आतंकवाद विरोधी अभियानों के लिए तैनात राष्ट्रीय राइफल्स यूनिट (Rashtriya Rifles unit) के जवानों को ले जा रहे भारतीय सेना के ट्रक पर हुए आतंकी हमले में जान गंवाने वाले लुधियाना के मनदीप सिंह को उनके पैतृक गांव चन्नकोइया में अंतिम विदाई दी गई। इस दौरान बड़ी संख्या में लोग मौजूद थे। वे भारत माता की जय के नारे लगा रहे थे। बेटी अपने पिता मनदीप सिंह को सैल्यूट करते हुए फूट-फूटकर रो पड़ी।
पुंछ आतंकी हमला-मनदीप को अंतिम सलामी-Terrorist attack in Jammu and Kashmir's Poonch and emotional story of brave Mandeep Singh
मनदीप सिंह का राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया गया। शहीद के 8 साल के बेटे करनदीप सिंह ने कहा कि वो भी अपने पिता मनदीप सिंह की तरह ही फौज में जाकर देश की सेवा करना चाहता है। बेटे ने रोते हुए गर्व से कहा कि उसके पिता ने देश के लिए अपनी जान दी है। वहीं बेटी खुशदीप कौर पिता मनदीप सिंह को सैल्यूट करते ही फफक-फफक कर रो पड़ी। खुशदीप कौर ने कहा कि पापा की शहादत की खबर उन लोगों को टीवी के जरिये मिली।
पुंछ हमले में जान गंवाने वाले मनदीप सिंह कौन हैं-Mandeep Singh had joined the Indian Army 17 years back
मनदीप सिंह 17 साल पहले यानी 2005 में भारतीय सेना में शामिल हुए थे। हमले के कुछ दिन पहले ही यानी 4 मार्च को वह 20 दिन की छुट्टी से ड्यूटी से लौटे थे। मनदीप सिंह के परिवार में मां बलविंदर कौर, पत्नी जगदीप कौर, बेटा करणदीप सिंह, बेटी खुशदीप कौर, छोटा भाई जगपाल सिंह और जगजीत सिंह हैं। मनदीप के पिता का 2012 में निधन हो गया था।
इंडियन आर्मी और जम्मू कश्मीर में आतंकवाद
मनदीप सिंह के चाचा जसवीर सिंह भी सेना से रिटायर्ड हैं। वे सूबेदार थे। उन्होंने बताया कि मनदीप सिंह बचपन से ही सेना में जाने को लेकर जुनूनी थे। मनदीप चार भाई-बहनों में अकेला थे, जो 12वीं तक पढ़े। इसका मकसद सेना में जाना था। पत्नी जगदीप कौर ने कहा कि हमले के एक दिन पहले ही मनदीप सिंह ने उनसे कॉल पर बात की थी।
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