सार

राजस्थान विधानसभा उपचुनाव में 125 करोड़ से ज़्यादा की नकदी और अवैध सामग्री ज़ब्त। चुनाव को निष्पक्ष बनाने के लिए प्रशासन की कड़ी कार्रवाई जारी। ज़ब्ती पिछले चुनाव से तीन गुना ज़्यादा।

जयपुर. राजस्थान में आगामी 13 नवंबर को होने वाले विधानसभा उपचुनाव के मद्देनजर निर्वाचन आयोग और राज्य के सुरक्षा बलों द्वारा एक बड़ा अभियान चलाया गया है। उपचुनाव को निष्पक्ष, शांतिपूर्ण और बिना किसी धनबल के संपन्न कराने के लिए प्रदेशभर में विभिन्न एजेंसियों द्वारा लगातार कार्रवाई की जा रही है। हाल ही में की गई कार्रवाई में प्रदेश के 7 विधानसभा क्षेत्रों से 125 करोड़ रुपये से अधिक नकद राशि और अन्य अवैध सामग्री बरामद की गई है।

 

चुनाव अधिकारी ने बताया काले धन का सच

मुख्य निर्वाचन अधिकारी नवीन महाजन ने बताया कि आदर्श आचार संहिता लागू होने के बाद से निर्वाचन विभाग ने धनबल के प्रभाव को कम करने के लिए कई विशेष टीमों का गठन किया गया है। इन टीमों ने अब तक 48.62 करोड़ रुपये की अवैध वस्तुएं जब्त की हैं, जो पिछले विधानसभा चुनाव के मुकाबले तीन गुना अधिक हैं। पिछले विधानसभा चुनाव में 15.81 करोड़ रुपये की अवैध सामग्री पकड़ी गई थी, जबकि इस बार यह आंकड़ा 207 प्रतिशत अधिक है।

करोड़ों की तो सिर्फ नशा करने वाला सामान मिला

पुलिस और अन्य एजेंसियों ने इन उपचुनाव क्षेत्रों में लगभग 4.77 करोड़ रुपये नकदए 6.46 करोड़ रुपये मूल्य की अवैध शराब, 1 करोड़ रुपये से अधिक मूल्य के नशीले पदार्थ और 1.2 करोड़ रुपये के सोने.चांदी जैसी कीमती धातुओं को जब्त किया है। सबसे बड़ी जब्ती दौसा जिले में हुई हैए जहां 29.58 करोड़ रुपये मूल्य की अवैध वस्तुएं पकड़ी गईं। इसके बाद नागौर जिले का स्थान है। जहां 25.20 करोड़ रुपये की सामग्री जब्त की गई।

अलवर और टोंक जिले में मचा है हड़कंप

 अलवर और टोंक जिले भी अवैध सामग्री की जब्ती में प्रमुख स्थान पर रहे हैं। इसकी वजह से चुनावी प्रक्रिया को प्रभावित करने के प्रयासों को रोकने के लिए निर्वाचन विभाग और पुलिस की टीमें लगातार सक्रिय हैं। इन जब्तियों का उद्देश्य मतदाताओं को लुभाने के लिए किए जा रहे अवैध प्रयासों को नाकाम करना है। निर्वाचन आयोग ने इन चुनावों को पारदर्शी और निष्पक्ष बनाने के लिए विशेष निगरानी का भी निर्देश दिया हैए ताकि कोई बाहरी प्रभाव या धनबल से चुनावी प्रक्रिया प्रभावित न हो सके।

 

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