सार

भरतपुर में बकरी चराने गए दादा और उनके दो पोते नदी में डूब गए। तीनों का एक साथ अंतिम संस्कार किया गया, जिससे गांव में मातम छा गया। यह घटना दीपावली के ठीक पहले हुई, जिससे त्योहार का उत्साह फीका पड़ गया।

भरतपुर (राजस्थान). भरतपुर जिले के बयाना क्षेत्र के गांव नगला बंडा में एक दिल दहला देने वाली घटना हुई, जिसमें एक ही चिता पर दादा और उसके दोनों पोतों का अंतिम संस्कार किया गया। यह हृदयविदारक घटना शुक्रवार को तब हुई जब गांव के बुजुर्ग विश्राम सिंह गुर्जर (60) और उनके दो पोते, अंकित (7) और योगेश (14), नदी में डूब गए। गुरुवार को बकरी चराने गए इस परिवार के सदस्यों ने अपनी जान गंवाई, जिससे पूरे गांव में शोक की लहर दौड़ गई।

जानिए कैसे एक बकरी बनी दादा-पोते की मौत की वजह

गुरुवार को जब दादा और पोते नदी के किनारे बकरी चराने गए थे, तभी बकरी के पीछे दोनों पोते तालाब की तरफ चले गए। वापस नहीं आए तो उनका दादा भी उन्हें तलाश में वहां आया। अनजाने में तीनों नदी में गिर गए। स्थानीय प्रशासन और एसडीआरएफ की टीम ने तुरंत राहत कार्य शुरू किया, लेकिन शुरुआती प्रयासों में केवल दादा और एक पोते का शव ही मिल सका। दूसरे पोते अंकित का शव 30 घंटे की खोज के बाद शुक्रवार देर शाम को नदी से बाहर निकाला गया।

इस दर्दनाक घटना की वजह से नहीं जले किसी के घर चूल्हे

परिजनों के अनुसार, इस दुखद घटना ने गांव के हर निवासी को प्रभावित किया। दादा-पोतों का एक साथ अंतिम संस्कार देखकर गांव के लोग बिलख उठे। गांव में सैकड़ों लोग इस अंतिम संस्कार में शामिल हुए, जहां हर किसी की आंखें नम थीं। इस दुखद घटना के कारण गांव में दीपावली का त्योहार मनाने का कोई उत्साह नहीं रहा। घरों में चूल्हे भी नहीं जले और गांव में एक सन्नाटा छा गया।

दो महीने में इस तरह हो चुकी है 20 लोगों की मौत 

बयाना सदर थाना प्रभारी बलराम यादव ने बताया कि शवों का पोस्टमार्टम परिजनों की मौजूदगी में किया गया। उन्होंने यह भी कहा कि इस प्रकार की घटनाएं चिंता का विषय हैं, क्योंकि पिछले दो महीनों में जिले में नदी, जलाशय और झरनों में डूबने से करीब 20 लोगों की मौत हो चुकी है। गांव के लोगों ने इस घटना को लेकर गहरा दुख व्यक्त किया है और स्थानीय प्रशासन से नदी के किनारे सुरक्षा व्यवस्था बढ़ाने की मांग की है, ताकि भविष्य में ऐसी अनहोनी से बचा जा सके।