सार

राजस्थान के भीलवाड़ा में एक नाबालिग छात्रा ने डिप्रेशन में आकर सुसाइड करने की कोशिश की। आखिर लोगों ने अपनी सूझबूझ दिखाई और उसको मौत के मुंह से बचा लिया।

भीलवाड़ा. आईआईटी या नीट नहीं बल्कि स्कूली कक्षाओं में ही स्टूडेंट्स पर पढ़ाई का प्रेशर बढ़ने लगा है। जिसके चलते वह छोटी उम्र में ही तनाव में रहने लगते हैं। ऐसा ही एक मामला आज राजस्थान के भीलवाड़ा से सामने आया है। जहां साइंस का पेपर खराब होने पर एक नाबालिग छात्रा ने डिप्रेशन में आकर सुसाइड करने की कोशिश की।

छात्रा को मौत के मुंह से बचा लाए लोग

सुसाइड करने के लिए वह तालाब में कूदी लेकिन आसपास के लोगों ने उसे कूदते हुए देख लिया। ऐसे में उन्होंने तुरंत उसे बाहर निकाला और अस्पताल पहुंचाया। जिसके चलते उसकी जान बच गई। फिलहाल अभी छात्रा का अस्पताल में इलाज जारी है।पुलिस के अनुसार छात्रा का नाम सेजल उम्र 15 वर्ष है। जिसे गांधी सागर तालाब में कूद कर जान देने की कोशिश की लेकिन वहां आसपास खड़े लोगों ने उसे कूदते हुए देख लिया। ऐसे में 3 से 4 युवक पानी में कूदे और छात्रा को बाहर निकालकर उसे महात्मा गांधी अस्पताल पहुंचाया गया। जहां उसका इलाज जारी है।

माता-पिता ने बताया कि बेटी डिप्रेशन में थी...

परिजनों के अनुसार साइंस का पेपर होने के बाद छात्रा डिप्रेशन में थी। जो अपने घर से अपनी बहन को लंच बॉक्स देने की बात का करने के लिए थी। लेकिन बीच रास्ते ही उसने ऐसा कदम उठा लिया।ऐसे मामलों में एक्सपर्ट बताते हैं कि यदि परिजनों को लगे कि उनका बेटा या बेटी डिप्रेशन में है तो उनसे नरमी से पेश आए और उनसे उनकी समस्या पूछने की ज्यादा से ज्यादा कोशिश करें।