सार
राजस्थान के अजमेर में किशनगढ़ में मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने पायलट फ्लाइंग एकेडमी का उद्घाटन किया। अब पायलट ट्रेनिंग के लिए अमेरिका और जर्मनी से लाए गए एयरक्राफ्ट का उपयोग किया जाएगा। इससे पहले पायलट की ट्रेनिंग के लिए बड़े शहरों में जाना पड़ता था।
अजमेर. राजस्थान पढ़ाई और इंडस्ट्री के मामले में अब लगातार आगे बढ़ता जा रहा है। अब राजस्थान में पायलट फ्लाइंग एकेडमी भी शुरू हो चुकी है। इसकी शुरुआत प्रदेश के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने अजमेर के किशनगढ़ में की है। यहां अमेरिका और जर्मनी से 5 एयरक्राफ्ट खरीदकर मंगवाए गए हैं। इन एयरक्राफ्ट से पायलट को ट्रेनिंग दी जाएगी।
पहले बड़े शहरों में होती थी ट्रेनिंग
इसके पहले पायलट की ट्रेनिंग के लिए दिल्ली, मुंबई या फिर दूसरे देशों में जाना पड़ता था लेकिन अब एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया और अवन्या एविएशन एकेडमी की ओर से राजस्थान के किशनगढ़ में ही इसका संचालन किया जाएगा। एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ़ इंडिया की उड़ान प्रशिक्षण संगठन नीति के तहत अकादमी खोलने के लिए देश में 10 एयरपोर्ट का चयन किया गया था। राजस्थान का किशनगढ़ इसमें शामिल था।
मुख्यमंत्री बोले, किसी चीज की कमी नहीं आने देंगे
प्रदेश के मुख्यमंत्री शर्मा ने इस मौके पर कहा कि एक ऐसी यात्रा शुरू हो चुकी है जिसमें राजस्थान भी ऊंची उड़ान भरेगा। यह तो अभी शुरुआत है। इस तरह के राजस्थान में और भी कई काम होने वाले हैं। एक ऐसा क्षेत्र है जहां टीमवर्क और धैर्य के साथ काम करना होता है। केंद्र सरकार ने 21 ग्रीन फील्ड एयरपोर्ट की घोषणा की है। किशनगढ़ एयरपोर्ट को आगे बढ़ाने के लिए केवल जमीन ही नहीं और भी किसी चीज की आवश्यकता होगी तो वह उपलब्ध करवाई जाएगी।
भारत में हर साल बढ़ रहा एयर ट्रैफिक
मुख्यमंत्री ने कहा कि भारत देश अब एविएशन के मामले में तीसरा सबसे तेजी से बढ़ रहा मार्केट है। यहां के हवाई अड्डों पर हर साल 15 फ़ीसदी ट्रैफिक बढ़ रहा है। इतना ही नहीं हवाई अड्डा पर कार्गो भी बढ़ रहा है। इस क्षेत्र की तरक्की से विदेश में पर्यटन, उद्योग और इंडस्ट्रीज भी बढ़ेगी।
ट्रेनिंग में यह कोर्स करने होंगे पूरे
इससे ट्रेनिंग सेंटर पर पायलट को केवल सिंगल इंजन ही नहीं बल्कि डबल इंजन के एयरक्राफ्ट पर भी ट्रेनिंग दी जाएगी। जो जल्द ही यहां पर पहुंचने वाला है। इस ट्रेनिंग सेंटर में 10 महीने की ट्रेनिंग दी जाएगी। जिनमें 200 घंटे सिंगल इंजन और 15 घंटे डबल इंजन पर उड़ान पूरी करनी होगी। 50 घंटे की ट्रेनिंग पर्सनल पायलट लाइसेंस होगी।