सार
आज बहुत ही बड़ा शुभ दिन यानि अक्षय तृतीया का पर्व, इस दिन बिना मुहूर्त के शादियां हो जाती हैं। आज लाखों की संख्या में विवाह संपन्न होंगे। लेकिन राजस्थान का एक ऐसा कस्बा है, जहां शोक मनाया जाता है। 18 गांव में कोई भी मांगलिक कार्य नहीं होता है।
जयपुर. आज अक्षय तृतीया का पर्व है। हिंदू धर्म में इस पर्व की बड़ी मान्यता है। इस दिन को अबूझ सावा माना जाता है। इस दौरान पूरे देश में कई शादियां होती है। खास बात यह है कि शादियों के लिए कोई मुहूर्त भी नहीं निकलवाना पड़ता। प्रदेश भर में आज सबसे ज्यादा सामूहिक विवाह होते हैं। आज के दिन करीब पचास हजार से भी ज्यादा शादियां प्रदेश में हो रही हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं राजस्थान में एक इलाका ऐसा भी है जहां आज के दिन कोई भी शादी नहीं होती और न ही कोई जश्न मनाया जाता है।
शहनाई बजी तो मंदिर में दुल्हा-दुल्हन की हो गई मौत
दरअसल, हम बात कर रहे हैं सवाई माधोपुर इलाके में स्थित चौथ का बरवाड़ा क्षेत्र की। जहां बरवाड़ा और आसपास के करीब 18 गांव में कोई भी मांगलिक कार्य नहीं होगा। मान्यता है कि चौथ माता मंदिर में सालों पहले हुई एक घटना के बाद यहां शोक मनाने की परंपरा जारी है। बुजुर्ग लोग बताते हैं कि अक्षय तृतीया के दिन चौथ माता मंदिर में एक बड़ी दुर्घटना घटित हुई। इसमें मंदिर में आने वाले नव विवाहित जोड़ों की जान चली गई। इसके बाद से ही शोक बनाने की परंपरा जारी है।
राजस्थान के इन 18 गांव में कोई भी मांगलिक कार्य नहीं
इसके बाद से ही बरवाड़ा और उसके अंतर्गत आने वाले 18 गांव में कोई भी मांगलिक कार्य नहीं होगा। इसके अतिरिक्त मंदिर की घंटियों को भी आज बांध दिया जाएगा। इसके साथ ही मंदिर में लाउडस्पीकर से आरती भी नहीं होगी। वही आज चौथ का बरवाड़ा क्षेत्र में किसी भी घर में सब्जी नहीं बनेगी।
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