सार

राजस्थान के अलवर जिले में एक शख्स की सड़कों पर लगे जाम के चलते मौत हो गई। बेबस बेटे पिता को चारपाई पर लिटाकर अस्पताल लेकर दौड़े, लेकिन उनकी जब तक सांसे थम चुकी थीं।

जयपुर. पिता को बचाने के लिए बेटों ने जान लगा दी, लेकिन ईश्वर को कपुछ और ही मंजूर था। पिता को बचाने के लिए जाम में फंसे बेटों ने उनकी चारपाई को सिर पर उठा लिया, पैदल ही अस्पताल दौड़ गए, लेकिन कुछ घंटों के बाद पिता की जान चली गई। नजारा राजस्थान के अलवर शहर का है। जहां जाम के कारण इस तरह से जान जाने की घटना सामने आई है। इस मौत के बाद हर कोई स्तब्ध है।

बेटों ने पिता को चारपाई पर लिटाया और पैदल ही अस्पताल ले गए

दरअसल अलवर जिले के बानसूर कस्बे में हरसौरा रोड के चौक पर कल दोपहर बाद जाम के हालत बने हुए थे। इसी दौरान नजदीक ही स्थित पीपली गांव में रहने वाले 70 साल के बुजुर्ग की तबियत बिगड़ गई। बुजुर्ग बद्रीलाल को उनके बेटे एंबुलेंस से लेकर निकले। लेकिन जाम होने के कारण एंबुलेंस कुछ दूरी तक ही जा सकी। उसके बाद बेटों ने पिता को चारपाई पर लिटाया और पैदल ही आगे निकल गए। लेकिन जाम इतना था कि पैदल भी काफी परेशानी से आगे बढ़ पा रहे थे। जबकि घर से नजदीकी अस्पताल सिर्फ पांच सौ मीटर ही दूर था। लेकिन वहां पहुंचने में काफी देर लगी। अस्पताल पहुंचने के पंद्रह मिनट बाद ही बद्रीलाल की सांसे थम गई।

पूरा परिवार पिता की मौत से सदमे में...

बद्रीलाल के बेटे शुभ लाल जाट ने बताया कि जाम अक्सर रहता है यहां। कोई कुछ नहीं करता। हमने पिता को लेकर अस्पताल पैदल ही दौड़ लगा दी, अस्पताल नजदीक था फिर भी जाम के कारण नहीं पहुंच सके। पिता को दस दिन पहले ही छल्ले डले थे। सोमवार दोपहर बाद अचानक दर्द हुआ था। लेकिन जाम के कारण अब वो हमारे बीच नहीं हैं। परिवार सदमे में है। खासतौर पर बेटे..... उनका कहना था कि आखिरी समय में वे बहुत परेशान रहे, हम उनको समय पर अस्पताल नहीं ले जा सके। जीवन भर यह भार अब साथ ही रहेगा।