सार

अलवर की जिस बच्ची को उसके घरवालों ने बोरे में भरकर खाई में फेंक दिया था। उस बच्ची को एक युवक ने बचा लिया था और आज उसे एमपी के एक परिवार ने गोद ले लिया है। बच्ची को माता पिता मिलने से शिशु कल्याण गृह को सभी कर्मचारियों में खुशी है।

अलवर। ईश्वर की लीला कौन समझ सका है। एक बच्ची जिसए जन्म देने वालों ने बोरे में बंद कर पत्थर से बांध कर 40 फीट गहरी खाई में फेंक दिया वह बच गई और आज उसे एक परिवार ने गोद ले लिया। इस बच्ची को एक सक्षम माता पिता मिल गए। पति-पत्नी दोनों सरकारी अफसर हैं। 

अब वह बेटी जिसका भविष्य अब तक अंधकार में था उसके जीवन में नई रोशनी आ जाएगी।अब उसे मां के आंचल की छांव मिलने के साथ ही पिता का प्यार भी मिलेगा। एमपी के रहने वाले दम्पती ने अलवर की इस बच्ची को गोद लिया है।

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6 महीने पहले खाई में गिरी मिली थी बच्ची
दरअसल करीब छह महीने पहले अलवर जिले के तिजारा इलाके स्थित एक गांव से 40 फीट नीचे खाई में गिरी एक बच्ची को बचाया गया था। वह प्रीमैच्योर बेबी थी और शायद उसे मरने के लिए ही उसके परिजनों ने फेंक दिया था। खाई के नजदीक से गुजर रहे एक युवक ने बच्ची के रोने की आवाज सुनी तो वह नीचे उतरा, बोरा उपर लेकर आया तो उसमें से बच्ची जीवित निकली। वह उसे लेकर तुरंत घर गया। वहां से अपने परिवार के सदस्य के साथ बच्ची को लेकर थाने गया और फिर उसे अस्पताल में इलाज के लिए भर्ती कराया। इलाज के बाद उसे शिशु कल्याण गृह भेज दिया गया।

शिशु कल्याण गृह से एमपी के परिवार ने गोद लिया
एमपी का एक परिवार और उसने बच्ची को गोद लेने की इच्छा जताई तो अब करीब तीन महीने के प्रयास और सरकारी नियमों को फॉलो करने के बाद परिवार ने बेटी को गोद ले लिया हैं । एमपी के रहने वाले इस परिवार की जानकारी शिशु कल्याण गृह ने शेयर नहीं की है, लेकिन उनका कहना है कि पति और पत्नी दोनो ही एमपी सरकार में अफसर हैं।