सार

जोधपुर मिलिट्री स्टेशन पर भारतीय फौज अब और मजबूत होगी, क्योंकि यहां अपाचे हेलीकॉप्टर तैनात किए जाएंगे। 50 लोगों के स्टाफ को विदेश में ट्रेनिंग दी गई है। यह हेलिकॉप्टर के जरिए थल सेना पहली बार जमीन के साथ हवा से भी हमला कर सकेगी।

जोधपुर. राजस्थान के जोधपुर मिलिट्री स्टेशन पर तैनात भारतीय फौज अब और मजबूत होने वाली है। क्योंकि यहां अपाचे हेलीकॉप्टर तैनात किए जाएंगे। इसके लिए 50 लोगों के स्टाफ को विदेश में ट्रेनिंग दी दी गई है।

6 हेलीकॉप्टर तैनात होंगे

भारत की थल सेना को पहली बार जमीन के साथ हवा में दुश्मन को खत्म करने की ताकत मिली है। जैसे कि अमेरिका की फौज दुश्मन को जमीन के साथ आसमान में भी उसके घर में घुसकर मार डालती है, इस तरह की क्षमता अब हमारे देश की फौज के पास होगी। सबसे पहले फेज में जोधपुर के मिलिट्री स्टेशन पर छह हेलीकॉप्टर तैनात किए जाएंगे।

2022 में खरीदने का करार हुआ

देश के रक्षा मंत्रालय ने साल 2022 में 6 हेलीकॉप्टर खरीदने के लिए करार किया था। इन हेलीकॉप्टर के साथ रुद्र हेलीकॉप्टर भी तैनात होंगे। आपको बता दे कि एयरफोर्स की पहली स्क्वाड्रन करीब डेढ़ साल पहले ही जोधपुर में तैनात की जा चुकी है। रुद्र हेलीकॉप्टर भी यहां पहले से तैनात है। अब 50 लोगों के स्टाफ जिनमें पायलट, टेक्निकल आदि शामिल है उन्हें दोनों ही हेलीकॉप्टर की ट्रेनिंग दी गई है। जिससे कि युद्ध के हालात के दौरान दोनों में बेहतर तालमेल बना रहे।

दुनिया में कुल 1280 हेलीकॉप्टर

यदि बात करें पूरी दुनिया की तो अब तक 1280 से ज्यादा हेलीकॉप्टर दुनिया के 7 देशों में है। हालांकि इनमें सभी हेलीकॉप्टर अलग-अलग देश की फौज के पास है। यह वही हेलीकॉप्टर है जिन्होंने 90 के दशक में इराक युद्ध के दौरान पूरे रेगिस्तान में अपना पराक्रम दिखाया। इसी हेलीकॉप्टर ने इराक की फौज के रडार और सेम मिसाइल्स के अड्डों को नष्ट करके अपना वर्चस्व बनाया था।

दुश्मनों पर लगाता है सटीक निशाना

यह हेलीकॉप्टर आधुनिक तकनीक डाटा लिंक और रोटर के ऊपर लगे रडार डोम से दुश्मन के इलाके की जानकारी और फोटो हासिल करके सटीक निशाना लगता है। इस हेलीकॉप्टर में स्ट्रिंगर और हेलीफायर मिसाइल से फायर किया जाता है। मौसम चाहे कैसा भी हो हर मौसम में यह हेलीकॉप्टर उड़ान भर के दुश्मनों के ठिकानों को तहस-नहस कर सकता है।

इस हेलीकॉप्टर की है, यह खासियत

इस हेलिकॉप्टर को दो पायलट उड़ाते हैं। इसकी स्पीड 280 किलोमीटर प्रति घंटे तक होती है। इसका डिजाइन भी ऐसा होता है कि रडार पर इसे पकड़ पाना भी काफी मुश्किल होता है। एक बार में यह हेलिकॉप्टर 1200 से ज्यादा गोलियां अपने स्टोरेज में करता है। यदि इसने एक बार उड़ान भरी तो 2:45 घंटे तक यह हवा में रहेगा।

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