सार
जोधपुर सेंट्रल जेल में 11 साल से बंद आसाराम को पहली बार 7 दिन की पैरोल मंजूर हुई है। दिल की बीमारी से जूझ रहे आसाराम को महाराष्ट्र में इलाज के लिए अनुमति दी गई है, लेकिन पैरोल से पहले कोर्ट में पूरी पैरोल का खर्च जमा कराना होगा।
जोधपुर (राजस्थान). जोधपुर सेंट्रल जेल में 11 साल से बंद आसाराम को इन सालों के दौरान पहली बार सात दिन की पैरोल मंजूर हुई है। लेकिन इस पैरोल से पहले उन्हें बड़ी कीमत चुकानी होगी। ये पैसा कोर्ट में जमा कराना होगा और उसके बाद ही वे सलाखों से बाहर आ सकेंगे। वे पोक्सो केस में आजीवन कारावास की सजा काट रहे हैं। साल 2013 में आरोपों के बाद उनको जेल हुई थी और साल 2018 में उम्र कैद की सजा सुना दी गई थी।
आसराम इस बीमारी से जूझ रहे...
दरअसल, आसाराम दिल की बीमारी से परेशान हैं। जोधपुर के बड़े सरकारी अस्पताल एम्स से भी इलाज ले चुके हैं और साथ ही जोधपुर में स्थित आयुर्वेद अस्पताल में भी उनका इलाज किया गया है लेकिन वे पूरी तरह से स्वस्थ नहीं हो सके हैं। 83 साल के आसाराम अभी भी दिल की बीमारी से जूझ रहे हैं। इलाज के लिए उनको पहली बार सात दिन का पैरोल मिला है। उन्होनें महाराष्ट्र राज्य में स्थित एक आयुर्वेद अस्पताल में इलाज की अनुमति मांगी थी। कोर्ट ने उनको अनुमति दी है लेकिन कुछ सख्त शर्तें रखी हैं।
आसाराम को इलाज और महाराष्ट्र पुलिस का खर्चा भी उठाना होगा
दरअसल, उनको पूरी पैरोल का खर्च खुद या अपने समर्थकों के जरिए उठाना होगा। उनके साथ एक डॉक्टर, दो मेडिकल स्टाफ और पुलिस टीम है। इनका खर्च भी उनको उठाना होगा। महाराष्ट्र में इलाज का खर्च और महाराष्ट्र पुलिस का खर्च भी उनको पहले ही कोर्ट में जमा कराना होगा। इसके साथ ही अगर वे हवाई यात्रा करते हैं और उनकी टीम भी साथ रहती है तो इसका पूरा खर्च भी वे ही उठाएंगे। इन तमाम खर्चों को जोड़कर पूरा पैसा पहले कोर्ट में जमा कराना होगा और उसके बाद उन्हें बाहर आने दिया जाएगा। बता दें कि आसाराम की यह पैरोल जज पुष्पेंद्र सिंह भाटी के कोर्ट में मंजूर हुई है। आसाराम उसने इलाज के लिए कई बार पहले भी पैरोल मांगी थी, लेकिन कोर्ट ने खारिज कर दी थी। उसकी यह अर्जी पहली बार स्वीकार की गई है।