सार
राजस्थान के बाड़मेर से नवरात्रि को दौरान शर्मनाक खबर सामने आई है। जहां इन दिनों कन्या मां दुर्गा का स्वरूप माना जाता है, वहीं एक माता-पिता इतने क्रूर निकले की एक दिन की अपनी ही मासूम बेटी को मरने के लिए पटरी किनारे फेंक दिया। लेकिन मासूम मच गई।
बाड़मेर. राजस्थान के बाड़मेर जिले से एक सनसनीखेज मामला सामने आया है। यहां एक नवजात बच्ची रेलवे ट्रैक के पास झाड़ियों में रोती हुई मिली। रोती हुई बच्ची को देख आसपास के लोगों ने इसकी सूचना पुलिस को दी। जिसके बाद पुलिस मौके पर पहुंची इसी बीच एक महिला डीवाईएसपी भी हॉस्पिटल पहुंची। बच्ची को रोते देख कर खुद को रोक नहीं पाई और उसको सहलाने लगी। इसका नतीजा यह निकला कि बच्ची कुछ देर बाद चुप हो गई। इस पूरे सीन को रिकॉर्ड कर लिया वहां खड़े एक शख्स ने। जिसके बाद उसने वीडियो को सोशल मीडिया पर भी अपलोड कर दिया जिसे अब तक लाखों लोग देख चुके हैं। लोग अब इस वीडियो पर कमेंट कर रहे हैं कि यह राजस्थान पुलिस का मानवीय चेहरा है।
महिला डीएसपी मासूम बेटी को गोद में लिए सहलाती रही
दरअसल बाड़मेर के अजीत गांव के नजदीक कई लोग रेलवे ट्रैक के पास से गुजर रहे थे। इसी दौरान उन्हें एक बच्चे की रोने की आवाज सुनाई दी। इसके बाद ग्रामीणों ने बच्ची को ढूंढना शुरू कर दिया। जब वह गाड़ियों की तरफ पहुंचे तो वहां उन्होंने देखा कि नवजात बच्ची झाड़ियों में पुराने कपड़ों और शॉल में लिपटी हुई थी। ग्रामीणों ने इसकी सूचना तुरंत पुलिस को दी और फिर नवजात बच्ची को हॉस्पिटल लेकर गए। जहां डॉक्टर्स ने बच्ची का इलाज शुरू। एहतियात के तौर पर बच्ची को जिला अस्पताल भी भेजा गया। यहां बाड़मेर की डीवाईएसपी नीरज कुमारी भी पहुंची। जिन्होंने बच्ची को रोते हुए देख अपनी गोद में ले लिया और ठीक इस तरह से सहलाती रही जैसे कि वह उसी की बेटी हो।
जिस जगह मासूम को फेंका-वहां सुअर और कुत्तों का आंतक
डॉक्टर्स का कहना है कि बच्ची का वजन करीब सवा 3 किलो है। जिसका जन्म 7 से 8 घंटे पहले ही हुआ था। धूप पड़ने के कारण बच्चे का शरीर काफी गर्म हो चुका था लेकिन फिलहाल उसकी स्वास्थ्य हालत ठीक है। वही पुलिस अब इलाके में लगे सीसीटीवी कैमरे की फुटेज के आधार पर बच्चे के माता-पिता का पता लगाने में जुटी हुई है। जिस जगह बच्चे मिली वहां कुत्ते और सूअर भी पूरे दिन घूमते रहते हैं हालांकि गनीमत रही कि बच्ची को कोई नुकसान नहीं हुआ।