सार

बाड़मेर के राहुल गवारिया ने कड़ी मेहनत और माता-पिता के त्याग से CRPF में सब इंस्पेक्टर का पद हासिल किया है। राहुल के माता-पिता ने चूड़ियां बेचकर उनकी पढ़ाई का खर्च उठाया और आज उन्हें अपने बेटे पर गर्व है।

बाड़मेर. राजस्थान में जब भी हम कोई सफलता की बात करते हैं तो उसके पीछे संघर्ष की एक बड़ी कहानी होती है। कुछ ऐसी ही कहानी राजस्थान में बाड़मेर के रहने वाले राहुल गवारिया की है। जो 11 महीने की ट्रेनिंग करने के बाद अब केंद्रीय रिजर्व पुलिस फोर्स में सब इंस्पेक्टर बन चुके हैं। इसके बाद बाड़मेर ही पूरे राजस्थान में उनकी चर्चा है।

पिता बोले-हमारी गुंजाइश नहीं थी बेटे को पढ़ाने-लिखाने की

राहुल के पिता जलाराम बताते हैं कि समाज में पढ़ाई लिखाई को लेकर लोगों में जागरूकता बहुत कम थी। परिवार की आर्थिक हालत हमेशा से खराब रही थी। इसलिए उन्होंने हमेशा से सोचा हुआ था कि चाहे कुछ भी हो बेटे को तो पढ़ाना ही है। इसलिए उन्होंने एनसीसी गुरु कैप्टन आदर्श किशोर जाणी को अपने बेटे को तैयार करने के लिए कहा।

माता-पिता बस स्टैंड के पास बेंचते थे चुढ़ियां

बेटा राहुल कैप्टन गुरु आदर्श किशोर की हर बात मानता और आज वह इस मुकाम तक पहुंच गया है। राहुल आज इस ओहदे पर पहुंचे हो लेकिन परिवार की आर्थिक हालत अभी भी ज्यादा ठीक नहीं हुई है। इनकी मां बाड़मेर में जिला अस्पताल के सामने चूड़ियां बेचती है और पिता तिलक बस स्टैंड के पास चूड़ियां बेचने का काम करते हैं।

माता-पिता दोनों 8वीं पास-बेटा बना बड़ा अफसर

राहुल बताते हैं कि उनके माता और पिता दोनों ही आठवीं तक पास है लेकिन इसके बावजूद भी समाज में पढ़ाई का माहौल नहीं होने के बाद भी दोनों ने चूड़ियां बेचकर राहुल को पढ़ाया। अब राहुल का एक ही सपना है कि मैं देश की सेवा तो करूं ही। इसके साथ ही मेरे माता और पिता को हर एक सुख सुविधा दे सकूं।