सार

भरतपुर का एक दंपति ढाई सौ किलोमीटर की दंडवत यात्रा करके खाटूश्याम जी के दर्शन करने पहुंचा। एक महीने से भी ज्यादा समय तक चली इस यात्रा में भक्तों ने उनकी सेवा की और सारी व्यवस्था की।

सीकर (राजस्थान). सीकर जिले के खाटूश्याम मंदिर में हर साल करीब एक करोड़ भक्त दर्शन करने के लिए आते हैं। कोई यहां बाबा का निशान लेकर तो कोई पदयात्रा करके आता है। लेकिन इन दिनों भरतपुर के रहने वाले दंपति की काफी ज्यादा चर्चा है। जो ढाई सौ किलोमीटर की दंडवत यात्रा करके खाटू दर्शन करने के लिए आ रहे हैं।

दंडवत यात्रा में लगा एक महीने से ज्यादा का वक्त

इनका नाम चतर सिंह गुर्जर और रूपल देवी है। दोनों खाटू के करीब पहुंच चुके हैं। इन्होंने अपनी यह यात्रा 2 अक्टूबर को शुरू की थी। इनमें जब एक थक जाता है तो दूसरा दंडवत यात्रा करने लगता है। अपने साथ एक हाथ ठेला भी लेकर चले। जिस पर इन्होंने बाबा की प्रतिमा रखी हुई है। इनके भरतपुर से रवाना होने के बाद जगह-जगह भक्तों के द्वारा ही उनके रुकने,खाने सहित तमाम व्यवस्था की गई। दोनों ने बताया कि इस दंडवत यात्रा में उनका एक पैसा भी खर्च नहीं हुआ। आगे से आगे लोग उनकी सेवा करने के लिए तैयार रहे। करीब 2 महीने में पता ही नहीं चला कैसे सब व्यवस्था हो गई।

मन्नत के लिए दंडवत यात्रा कर रहे हैं पति-पत्नि

चतर सिंह बताते हैं कि उनके घर में सुख शांति नहीं रहती थी। इसलिए उन्होंने अपने परिचित लोगों से इस बारे में पूछा तो उन्होंने बाबा श्याम की पूजा करने और मन्नत मांगने को कहा। जब सब कुछ ठीक रहा तो अब दंपति यहां आए हैं। दोनों का कहना है कि उनकी दंडवत यात्रा कब पूरी हो गई उन्हें इस बारे में पता ही नहीं चला।

बाबा के आशीर्वाद हर कठनाई कर दी दूर

चतर सिंह कहते हैं कि यह यात्रा केवल भक्ति का एक मार्ग नहीं बल्कि उनके लिए बाबा का आशीर्वाद और अपनी आस्था को गहरा करने का अनुभव था। इस यात्रा ने उनके विश्वास और आत्मसम्मान को और मजबूत कर दिया। साथ ही यह यात्रा दिखाती है कि सच्ची भक्ति और आस्था इंसान को किसी भी कठिनाई का मुकाबला करने की ताकत देती है।