सार
राजस्थान के जयपुर की बेटी भाविनी भार्गव के चर्चे पूरे देश में रहे हैं। ऑस्ट्रेलिया की प्रसिद्धि डीकिन यूनिवर्सिटी ने 70 लाख रुपए की वाइस चांसलर स्कॉलरशिप प्रदान की है। जिसके बाद अब पूरे इंडिया में
जयपुर. राजस्थान के बेटे बेटी अब केवल राजस्थान,इंडिया नहीं बल्कि विदेशों में भी अपनी पढ़ाई कर रहे हैं। पढ़ाई करने के साथ-साथ राजस्थान के यह बेटे बेटी केवल पढ़ाई ही नहीं बल्कि वहां अन्य क्षेत्रों में भी आगे हैं। जिसकी बदौलत से इन्हें सम्मानित भी किया जाता है। हाल ही में राजस्थान की एक बेटी को ऑस्ट्रेलिया की प्रसिद्धि डीकिन यूनिवर्सिटी ने 70 लाख रुपए की वाइस चांसलर स्कॉलरशिप प्रदान की है। जिसके बाद अब पूरे इंडिया में राजस्थान के जयपुर की बेटी भाविनी भार्गव के चर्चे हो रहे हैं।
राजस्थान की यह बेटी भाविनी बेस्ट स्पोर्ट्स मैनेजमेंट का कोर्स कर रही
आपको बता दें कि राजस्थान की यह बेटी भाविनी वर्तमान में बेस्ट स्पोर्ट्स मैनेजमेंट का कोर्स कर रही है। जो स्कॉलरशिप इसे मिली है वह मिलना इतना आसान नहीं है। पूरे विश्व में केवल 2 लोगों को यह स्कॉलरशिप मिलती है। भाविनी का चयन इस स्कॉलरशिप के लिए राजस्थान के एनजीओ वसुधा जन विकास संस्थान के साथ इंटर्नशिप के तहत गांव की लड़कियों को खेलों के बारे में जागरूक करने और उनके स्पोर्ट्स में हासिल उपलब्धियों के आधार पर मिला है। आपको बता दें कि भाविनी के माता और पिता दोनों ही पेशे से डॉक्टर है।
ऑस्ट्रेलिया की डीकिन यूनिवर्सिटी में लिया है एडमिशन
भाविनी हमेशा से पढ़ाई में होशियार रही। उसने फिर ऑस्ट्रेलिया की डीकिन यूनिवर्सिटी में एडमिशन लिया जहां उसे स्पोर्ट्स का ब्रांड एंबेसडर बना दिया गया। आपको बता दे कि कॉलेज में एडमिशन लेने से पहले एथलेटिक्स और साइकिलिंग के कई नेशनल चैंपियनशिप में भाविनी हिस्सा ले चुकी है। इतना ही नहीं वह इंडिया के टॉप 20 खिलाड़ियों में भी शामिल रहती है। इंटर्नशिप के तहत राजस्थान के एनजीओ के साथ भाविनी ने गांव गांव जाकर लड़कियों को खेलों के बारे में बताया और उन्हें समझाया कि किस तरह खेलों में अच्छा प्रदर्शन करके वह नौकरियां लग सकती है।
भाविनी ने एक इंग्लिश पोयम बुक अन्हीयर्ड भी लिखी
गौरतलब है कि इससे पहले भाविनी ने एक इंग्लिश पोयम बुक अन्हीयर्ड भी लिखी थी। जिसमें उन्होंने बताया था कि हमारे जीवन में किस तरह से उतार-चढ़ाव आते रहते हैं। बकायदा यह किताब अमेज़न की वेबसाइट पर खूब बिकी और बुक के लिए भाविनी को कई शताब्दी में चुके है। भाविनी बताती है कि वह अपना अभियान भविष्य में भी इसी तरह जारी रखेगी।