Bhilwara News : राजस्थन के भीलवाड़ा से दिल को छू ने वाली घटन सामने आई है। जहां एक मुस्लिम युवा ने एक 67 वर्षीय निराश्रित हिंदू महिला शांति देवी का हिंदू रीति-रिवाज के अनुसार अंतिम संस्कार किया। अंतिम यात्री भी निकाली गई।
Rajasthan News : राजस्थन के भीलवाड़ा में रविवार को गंगा-जमुनी तहजीब वाला दृश्य दिखाई दिया। यहां एक 67 साल की हिंदू महिला की मौत हो गई। लेकिन ना तो उसका कोई परिवार था ना ही कोई रिश्तेदार, जो उसका अंतिम संस्कार कर सके। ऐसे हालातों में एक मुस्लिम युवा ने उसका हिंदु रीति-रिवाज के अनुसार दाह संस्कार किया। जिसका साथ कई मुसलमान युवाओं ने दिया।
अंतिम यात्रा में कई मुस्लिम महिलाएं भी शामिल
बता दें कि मुस्लिम युवक मृतक महिला को अपनी मां की तरह मानता था। उसने ना सिर्फ अंतिम संस्कार किया, बल्कि महिला की अर्थी को चार कंधे भी दिए। इस दौरान अंतिम यात्रा में कई मुस्लिम महिलाएं भी शामिल हुईं और आंखों से आंसू बहाती नजर आईं।
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तीन बेटियों और एक बेटे का पहले हो चुका था निधन
दरअसल, यह इमोशनल घटना भीलवाड़ा शहर के गांधी नगर के जंगी चौक की है। जहां पिछले कई सालों से सलीम कुरैशी के मकान में शांति देवी (67) नाम की महिला किराए से रही थीं। शहर में ना तो उनका कोई परिवार था ना ही कोई रिश्तेदार, साल 2018 में शांति देवी की तीन बेटियों और एक बेटे का निधन हो गया था। उसके बाद से वे अकेली रहती थीं। इसलिए असगर अली खान उनको अपनी मां की तरह मानने लगा था, वही देखभाल भी करता था। रविवार रात महिला की अचानक तबीयत खराब हुई तो उन्हें महात्मा गांधी अस्पताल में भर्ती कराया गया। जहां इलाज के दौरान उन्होंने दम तोड़ दिया। इसके बाद असगर अली खान ने अंतिम संस्कार करने का फैसला किया।
असगर अली खान ने सुनाई इमोशनल कहानी
असगर ने बताया जब में तीन से चार साल का था, तब से वह और मेरा परिवार एक ही मकान में किराए से रहते थे। शांति देवी मुझे अपने बेटे की तरह प्यार करती थीं। तीज -त्यौहारों पर वह मिठाई खिलाती और गिफ्ट भी देती थीं। इतना ही नहीं वो रोजाना सुबह से लेकर शाम तक मुझसे खाना और तबीयत का पूछती रहती थीं।
