सार

राजस्थान के भीलवाड़ा में एक अनोखा मामला सामने आया है जहां एक 12 महीने का मासूम ट्रॉली बैग में बैठकर जोगणिया माता के दरबार की पदयात्रा कर रहा है। माता-पिता ने बताया कि 12 साल बाद हुई इस संतान को लेकर वह माता को मन्नत मांगने जा रहे हैं।

भीलवाड़ा. नवरात्रि के पर्व पर इन दिनों माता के मंदिर में भक्तों की भीड़ लगी हुई है। कोई सैंकड़ों किलोमीटर की पदयात्रा करके तो कोई निशान लेकर मां के दर पर मन्नत मांगने के लिए आ रहा है। इसी बीच राजस्थान में भीलवाड़ा से एक अनोखा ही मामला सामने आया है। यहां पर एक 12 महीने का मासूम पदयात्रा कर रहा है। इसके माता-पिता इसे ट्रॉलीबैग में बैठाकर पदयात्रा करवा रहे हैं। यह जोगणिया माता के दरबार में दर्शन करने के लिए जा रहे हैं।

शादी के 12 साल तक नहीं हुई थी संतान

यह नजारा राजस्थान में भीलवाड़ा से कोटा जाने वाले रास्ते पर देखा गया। बच्चे के माता और पिता ने बताया कि शादी के 12 साल तक उन्हें संतान की प्राप्ति नहीं हुई। इस बात को लेकर वह काफी तनाव में थे। लोग कई बार उन्हें ताने भी देते मगर उन्होंने माता जोगणिया पर अपना विश्वास कायम रखा। शादी के बाद दोनों ने तुरंत जोगणिया माता के दरबार में माथा टेककर कामना की। जब यह कामना पूरी हुई तो दोनों पति पत्नी अपने एक साल के बच्चे को लेकर माता के दर्शन के लिए निकल गए।

संतान की चाहत में 12 साल नंगे पैर रहे पति-पत्नी

रास्ते में भंडारा लगाने वाले समाजसेवी लखन सोनी ने बताया कि 10 साल से वह भंडारा लगा रहे हैं। ऐसे में उन्होंने कई बार पति और पत्नी को अपने बच्चों को कंधे पर बैठाकर ले जाते हुए देखा। लेकिन यह पहले ही ऐसा मामला है की ट्रॉली बैग में बच्चे को ले जाया जा रहा है। यह देखकर उन्होंने वीडियो बना लिया। दंपति ने लखन को बताया कि पिछले 12 साल से उन्होंने चप्पल भी नहीं पहनी थी।

जोगणिया माता का मंदिर भीलवाड़ा और चित्तौड़गढ़ की सीमा पर

आपको बता दें कि जोगणिया माता का मंदिर भीलवाड़ा और चित्तौड़गढ़ की सीमा पर स्थित है। यहां नवरात्रि के दौरान लाखों की संख्या में श्रद्धालु दर्शन करने के लिए आते हैं। श्रद्धालुओं को किसी प्रकार की परेशानी नहीं हो इसके लिए यहां 110 से ज्यादा भंडारे भी लगाए जाते हैं। फिलहाल यह पदयात्रा राजस्थान में चर्चा का विषय बनी हुई है।