सार
राजस्थान में कांग्रेस सरकार वापसी के लिए कई घोषणाएं करे जाए रही है। सीएम अशोक गहलोत ने अपने बजट के दौरान कई ऐलान किए थे। जो आज से लागू हो रहे हैं। जिसमें धार्मिक स्थानों पर मेलों के दौरान जाने वालों के लिए रोडवेज में 50% की छूट की घोषणा की थी।
जयपुर. हाल ही में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने बजट में धार्मिक स्थानों पर मेलों के दौरान जाने वालों के लिए रोडवेज में 50% की छूट की घोषणा की थी। यह घोषणा लागू होने जा रही है। इससे सरकार को हर महीने करीब ₹12 करोड़ रुपए का वित्तीय भार आने वाला है।
खाटू श्याम जी से लेकर सांवरिया सेठ तक आधे किराए में जाइए
दरअसल मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने अजमेर में पुष्कर मेले और ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती के उर्स, करौली के कैला देवी मेले, भरतपुर में झील का बाड़ा, जैसलमेर का रामदेवरा, खाटू श्याम जी का मेला, चूरू में सालासर बालाजी, हनुमानगढ़ में गोगामेडी, डूंगरपुर में बेणेश्वर धाम, सवाई माधोपुर में गणेश मंदिर, टोंक में डिग्गी कल्याण जी, अलवर में पांडूपोल, श्रीगंगानगर में बुड्ढा जोहड़ गुरुद्वारा, बीकानेर में मुकाम मेला और चित्तौड़गढ़ में सांवरिया सेठ और जलझूलनी एकादशी मेलों में जाने वाले श्रद्धालुओं के लिए यह घोषणा की है।
गहलोत सरकार ने खेला अब तक का सबसे बड़ा हिंदुत्व कार्ड
भले ही इस घोषणा के लागू होने के बाद सरकार को हर महीने करीब 12 करोड़ का वित्तीय भार आएगा। लेकिन राजनीतिक जानकारों का कहना है कि चुनावी साल में सरकार की यह घोषणा भी एक तरीके का मास्टर स्ट्रोक है क्योंकि इस घोषणा से केवल बुजुर्ग ही नहीं बल्कि हर वर्ग खुश होगा। वहीं कांग्रेस पर प्रदेश में हमेशा से आरोप लगते आएगी हिंदुत्व के लिए कुछ नहीं किया जाता। ऐसे में सीएम अशोक गहलोत ने सॉफ्ट हिंदुत्व को ध्यान में रखते हुए यह घोषणा कर दी जो अब से लागू होगी।
सिर्फ एक मेले में ही पहुंचे थे 40 लाख से ज्यादा श्रद्धालु
आपको बता दें कि सीएम अशोक गहलोत ने जिन मेलों में रोडवेज में 50% किराए में छूट दी है वह सभी मेले राजस्थान के बड़े मेले हैं। जिनमें मेले के दौरान लाखों श्रद्धालु दर्शन या अरदास करने के लिए आते हैं। हाल ही में सीकर में हुए खाटू श्याम में लक्खी मेले में करीब 40 लाख से ज्यादा श्रद्धालुओं ने दर्शन किए थे।