सार

शिक्षा नगरी कोटा लगातार आ रही मौतों की खबरें से सुसाइड सिटी बनता जा रहा है। अभी साल 2024 पूरा भी नहीं बीता है और 11 छात्रों ने सुसाइड कर लिया। पढ़ाई के प्रेशर या दूसरी वजह से NEET और JEE के स्टूडेंट इतना बड़ा कदम उठा ले रहे हैं।

जयपुर. कोचिंग सिटी कोटा में सुसाइड थमने का नाम नहीं ले रहे हैं। सरकार, पुलिस, प्रशासन, कोचिंग वाले, पीजी वाले, परिजन, दोस्त....... सब मिलकर प्रयास कर रहे हैं लेकिन बच्चों के जान देने का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है। पिछले साल एक ही साल में करीब 25 बच्चों ने जान दी थी। इस साल यह आंकड़ा 11 तक पहुंच चुका है। शनिवार रात जेईई की तैयारी करने वाले बिहार के आयुष ने जान दे दी। कमरे में पंखे से लटक नहीं सका तो रोशनदान से झूल गया और प्राण त्याग दिए। उसके पास से सुसाइड नोट या अन्य जानकारी तलाशी जा रही है।

बिहार से पिता ने पढ़ने भेजा था कोटा

आयुष सिर्फ 17 साल का था और बिहार के मोतीहारी से पढ़ने के लिए आया था। वह महावीर नगर थाना इलाके में सम्राट चौक क्षेत्र में एक पीजी में रह रहा था। कल रात करीब दस बजे के आसपास उसने कमरा नहीं खोला तो पीजी संचालक को सूचना दी गई। उसने तुरंत पुलिस को जानकारी दी। कमरा खोलकर जब लोग अंदर गए तो वह रोशन दान से लटका हुआ मिला।

पिता बोले-वो पढ़ने में होशियार था, फिर क्यों मौत के गले लगाया

कल रात ही इसकी जानकारी पुलिस ने उसके पिता को दे दी है। पिता आज कोटा पहुंच रहे हैं। पिता ने पुलिस को बताया कि वह पढ़ाई में होशियार था, उसने जान क्यों दे दी, यह समझ के परे हैं। फिलहाल उसका रूम सीज कर दिया गया है। परिजनों के आने के बाद पुलिस फिर से जांच पड़ताल करेगी।