सार

राजस्थान के नागौल जिले में चल रहे पशु मेले में मुर्रा नस्ल का बेशकीमती भैंसा 'भीम' इऩ दिनों आकर्षण का केन्द्र बना हुआ है। जो मालिक को करोड़ों रुपए कमाकर देता है। यह चारा या भूसा नहीं खाता, बल्कि रोजाना घी, मक्खन, 5 लीटर दूध, और काजू-बदाम खाता है।

नागौर. राजस्थान के नागौर में इन दिनों रामदेव पशु मेला चल रहा है। इस पशु मेले में केवल राजस्थान ही नहीं बल्कि देश के करीब आधा दर्जन से ज्यादा राज्यों के पशु शामिल हो रहे हैं। इसी बीच जोधपुर का एक भैंसा इस पूरे मेले में सुर्खियां बटोरे हुए है। लोग इसकी करोड़ों रुपए में कीमत देकर इसे खरीदने को तैयार है लेकिन इसके मालिक फिर भी इसे बेचना नहीं चाहते। दरअसल यह बेशकीमती भैंसा जोधपुर के पीपाड़ निवासी किशन सिंह का है। भैंसे का नाम किशन ऑफ भीम है। इस भैंसे का वजन 600 किलो है। जिसकी हाइट 5.5 फीट और लंबाई 11 फीट है। अभी इस भैंसे की उम्र करीब 28 महीने हैं।

रोजाना आधा किलो घी-मेवा और 5 लीटर पीता है दूथ

अब जिस तरह इस भैंसे की बॉडी लुक्स और अन्य बातें अन्य भैंसों से अलग है। ठीक उसी तरह से पालना भी कोई आम बात नहीं है। किशन सिंह ने बताया कि इस को पालना एक 4 लोगों के परिवार का खर्चा उठाने से भी ज्यादा है। इसके लिए हर महीने का खर्च करीब 1 लाख रुपए के आसपास है। यह भैंसा रोजाना करीब आधा किलो घी, ढाई सौ ग्राम मक्खन और 100 ग्राम शहद और 5 लीटर दूध और करीब 250 रुपए का सूखा मेवा खाता है।

इस नस्ल के भैंसों की कीमत करोड़ों रुपए

भैंसे के मालिक किशन सिंह ने बताया कि इसकी डिमांड हरियाणा दिल्ली और पंजाब समेत कई राज्यों में है क्योंकि इसके सीमन को भी बेचा जाता है। क्योंकि इसके सीमन से आने वाली भैंसों की नस्लें सुधरती है। इसके सीमन की कीमत करीब 2 से लाख रुपए होती है। केवल राजस्थान के जोधपुर में ही नहीं बल्कि देश के कई राज्यों और जिलों में मुर्रा नस्ल के भैंसे है। जिनकी कीमत करोड़ों रुपए में होती है। नागौर में चल रहे इस पशु मेले का आज समापन होगा। इस भैंसे के अलावा मेले में तरह-तरह के ऊंट, गाय समेत अन्य भी कई जानवर पहुंचे हैं।