सार
राजस्थान के बूंदी जिले में चंबल नदी से निकलकर एक 6 फीट लंबा मगरमच्छ घर में घुस गया। वन विभाग की टीम ने उसे रेस्क्यू कर तालाब में छोड़ा। मगरमच्छ खाने की तलाश में गांवों में आ रहे हैं।
बूंदी (राजस्थान). बारिश के दिनों में सांप और अजगर निकलने की घटनाएं आम है, लेकिन राजस्थान के कोटा और बूंदी जिलों में चंबल नदी से निकलने वाली मगरमच्छ का खौफ है। यह मगरमच्छ अब घरों तक पहुंच रहे हैं। ऐसा ही डरावना मामला रविवार रात बूंदी जिले के केशवरायपाटन इलाके से सामने आया। रात करीब 2 बजे एक 6 फीट का मगरमच्छ घर में घुस आया। उसके बाद जो हुआ उसने आधी रात को सैंकड़ों लोगों को सोते से जगा दिया।
वन विभाग ने बताया क्यों घर में घुस रहे हैं मगरमच्छ
मौके पर पहुंची वन विभाग की रेस्क्यू टीम ने बताया कि तीरथ गांव में रहने वाले एक व्यक्ति के घर में यह मगरमच्छ आ गया था। गांव के बाहर ही तालाब है जो बारिश के चलते ओवरफ्लो हो गया। तालाब में मछलियां नहीं है, इसीलिए खाने की तलाश में मगरमच्छ बाहर आ जाते हैं। इसी वजह से यह घर में घुस जाते हैं। तीरथ रात 2 बजे पानी पीने के लिए उठा और लाइट जलाई तो वहां मगरमच्छ मुंह खोल बैठा हुआ दिखाई दिया। उसकी सिट्टी-पट्टी गुम हो गई और चीख तक नहीं निकली। बाद में उसने जैसे तैसे खुद को संभाला और परिवार के अन्य लोगों को जगाया। इसके बाद हुई चीख-पुकार से पूरा मोहल्ला वहां पर जमा हो गया।
बकरियां और मुर्गियों को निवाला बनाते हैं मगरमच्छ
वन विभाग के कर्मचारी सुदर्शन ने बताया कि खाने की तलाश में अक्सर मगरमच्छ गांव के बाहरी इलाकों में आ जाते हैं। लेकिन ऐसा कभी नहीं हुआ कि गांव में इतनी अंदर तक मगरमच्छ आए और लोगों के घर में घुस गए। अक्सर बकरियां और मुर्गियों को यह निवाला बनाते हैं । इस बार कोटा और बूंदी में अच्छी बारिश होने के कारण नदी तालाब लबालब हो रहे हैं । कोटा में अक्सर इस तरह के मामले ज्यादा सामने आते हैं। लेकिन अब कोटा के नजदीक बूंदी जिले में भी इस तरह की घटनाएं बढ़ रही है। मगरमच्छ को रेस्क्यू करने में दो घंटे का वक्त लगा। इसके बाद उसे तालाब में छोड़ा गया है।
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