सार
चूरू (राजस्थान). चूरू जिले के मुख्य बाजार में स्थित एक ज्वेलरी दुकान से 2.7 करोड़ रुपये की चोरी का मामला सामने आया, जिसने पूरे इलाके में सनसनी फैला दी। चोरों ने 17 लाख रुपये नकद, 1.5 किलो सोना और 2 क्विंटल चांदी के बर्तन चुराए। इस मामले को हल करने में पुलिस ने आधुनिक एआई तकनीक का सहारा लिया, जिससे चोरों तक पहुंचने में मदद मिली।
1,000 सीसीटीवी कैमरों के फुटेज खंगाले
30 नवंबर की रात, चोरों ने छगनलाल सोनी की दुकान को निशाना बनाया। वे कार में आए और दुकान की छत पर पहुंचकर सीढ़ियों का दरवाजा तोड़ा। चेहरे पर मास्क और हाथों में दस्ताने पहनकर चोरों ने पेशेवर तरीके से चोरी की। घटना के बाद दुकान मालिक ने 1 दिसंबर को रतनगढ़ थाने में मामला दर्ज करवाया। पुलिस ने इस मामले को सुलझाने के लिए करीब 1,000 सीसीटीवी कैमरों की फुटेज खंगाली। टीम ने संदिग्ध कार की पहचान की, लेकिन नंबर प्लेट फर्जी थी। चेहरे और नंबर की सही पहचान के लिए एआई तकनीक का सहारा लिया गया। एआई की मदद से 200 से अधिक तस्वीरों की सिक्वेंसिंग कराई गई, जिससे आरोपियों की पहचान हुई।
राजस्थान से पकड़ी कार तो यूपी से गिरफ्तार हुए चोर
राजगढ़ एएसपी निश्चय प्रसाद एम के नेतृत्व में टीम ने तीन आरोपियों- भागीरथ, यादराम (दोनों निवासी औरैया, यूपी) और अजय सिंह (निवासी झोटवाड़ा) को गिरफ्तार किया। इनकी कार कुचामन सिटी में पकड़ी गई। पूछताछ में आरोपियों ने चुराए गए सामान का विवरण दिया। हालांकि, गिरोह के दो सदस्य अब भी फरार हैं। पुलिस के अनुसार, यही गिरोह बंगाल में 4 किलो सोने की चोरी भी कर चुका है। यह गिरोह अत्यधिक शातिर तरीके से चोरी करता है और फर्जी नंबर प्लेट तथा नकाब का उपयोग करता है।
एआई तकनीक ने कर दिया कमाल
एसपी जय यादव ने बताया कि यह मामला पुलिस के लिए चुनौतीपूर्ण था, लेकिन एआई तकनीक और दूसरे राज्यों की पुलिस की मदद से सफलता मिली। अब फरार आरोपियों की तलाश जारी है। यह घटना आधुनिक तकनीक और पुलिस की मेहनत से अपराधों को सुलझाने में एआई की बढ़ती भूमिका को दर्शाती है।